पटना: 'दो बूंद जिंदगी की' के प्रति लोगों को जागरुक किया गया ताकि पोलियो को जड़ से मिटाया जा सके. लंबे संघर्ष और प्रयासों के बाद आखिरकार भारत से पोलियो का उन्मूलन हो पाया. लेकिन सरकार की चिंता एक बार फिर से बढ़ गई है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा कि पड़ोसी देशों में पोलियो के कई मामले सामने आने के बाद भारत सरकार ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है. 26 सितंबर से 30 सितंबर तक सूबे में पल्स पोलियो (Pulse Polio Campaign In Bihar) अभियान चलाया जाएगा.
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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि पड़ोसी देशों में मिल रहे पोलियो मरीज को लेकर भारत सरकार चिंतित और सजग है. मालूम हो कि विश्व में कहीं भी पोलियो का एक भी मरीज पाया जाता है, तो इससे पोलियो वायरस के पुनः आने की संभावना बनी रहती है. भारत में भी पोलियो फिर से पांव नहीं पसारे इसको ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के निर्देश पर अनुराष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के तहत राज्य में 26 सितम्बर से 30 सितम्बर तक पल्स पोलियो अभियान चलाया जायेगा.
हालांकि त्योहार को देखते हुए इस अभियान को स्थानीय स्तर पर एक दिन बढ़ाया जा सकता है. अभियान के दौरान दूर दराज के क्षेत्र, बासा, ईंट भट्ठा, प्रवासी एवं भ्रमणशील आबादी वाले क्षेत्रों के बच्चे पोलियो की खुराक लेने से वंचित नहीं रहें, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष निगरानी दल का गठन किया जाएगा. विशेष निगरानी दल बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाना सुनिश्चित करेंगे.
मंगल पांडे ने कहा कि वर्तमान में हमारे दो पड़ोसी देश अफगानिस्तान और पाकिस्तान में पोलियो वायरस का संक्रमण जारी है. वर्ष 2020 में अफगानिस्तान में 56 और पाकिस्तान में 84 पोलियो के मरीज पाये गये थे. इस वर्ष 2021 में भी अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान में पोलियो के मरीज मिले हैं. यह न सिर्फ भारत, बल्कि अन्य देशों के लिए भी चिंता का विषय है.
साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत ने इसे रोकने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है. अभियान से पूर्व एवं अभियान के दौरान सभी जिलाधिकारी अपनी अध्यक्षता में पोलियो राउंड प्रारंभ होने के कम से कम दस दिन पूर्व जिला टास्क फोर्स की बैठक करेंगे. बैठक के दौरान पोलियो राउंड संबंधित तैयारी की समीक्षा एवं कार्य की उच्च गुणवत्ता बनाये रखने के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश देंगे.
प्रखंडों में बीडीओ एवं सीडीपीओ प्रखंड टास्क फोर्स बैठक में हिस्सा लेंगे तथा आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अभियान के दौरान टीकाकर्मी मास्क एवं गल्ब्स आदि का उपयोग करेंगे. साथ ही बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने के समय कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनिवार्य रूप से अनुपालन भी करेंगे.
मंगल पांडे ने बताया कि अभियान के पूर्व सभी स्तर पर कार्यरत टीकाकर्मियों एवं पर्यवेक्षकों का शत-प्रतिशत प्रशिक्षण देना सुनिश्चित करेंगे तथा प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकतानुसार प्रशिक्षकों को भी ट्रेनिंग देंगे.अभियान के दौरान सभी दलकर्मियों के पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.
अभियान के दौरान अधिक से अधिक बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने के लिए मुख्य ट्रांजिट स्थलों जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौक चौराहों आदि पर प्रशिक्षित टीकाकर्मियों को प्रतिनियुक्त किया जाएगा. टीकाकर्मी वहां से गुजरने वाले सभी लक्षित बच्चों पर विशेष ध्यान देते हुए उन्हें पोलियो की खुराक पिलाएंगे. अभियान के दौरान नवजात शिशुओं को पोलियो की खुराक पिलाये जाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
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