पटना: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की दूसरी लहर तेजी से कमजोर पड़ने लगी है. लगातार नए मामले कम हो रहे हैं और ज्यादा मरीज ठीक हो रहे हैं. कोरोना के कम होते कहर पर स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) ने संतोष जाहिर किया है.
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बिहार देश में 18वें नंबर पर
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि बिहार कोरोना संक्रमण को रोकने के मामले में देश के कई राज्यों को पछाड़ तेजी से आगे बढ़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग का बेहतर प्रबंधन और आम-अवाम की जागरुकता से कोरोना की संक्रमण दर में गिरावट हुई है.
'कोरोना संक्रमण दर अब 0.30 फीसदी से भी नीचे आ गयी है. वहीं रिकवरी रेट में लगातार इजाफा हो रहा और 98 फीसदी से अधिक पाॅजिटिव मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं. एक्टिव मरीजों के मामले में बिहार देश में 18वें नंबर पर है. राज्य के करीब दो दर्जन जिले में अब संक्रमितों की संख्या एक डिजिट में भी पहुंच गई है.- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार
'टीकाकरण और जांच में लाई जा रही तेजी'
स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशानुसार राज्य में टीकाकरण और जांच में लगातार तेजी लायी जा रही है. टीकाकरण की गति में और तेजी लाने के साथ ही अगले माह से प्रति माह एक करोड़ यानि 6 माह में 6 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. इसकी शुरूआत एक जुलाई से होगी.
तीसरी लहर की तैयारी
राज्य में करीब सवा करोड़ डोज लोगों को दिया जा चुका है. वहीं कोरोना जांच भी तीव्र गति से की जा रही है और प्रतिदिन जांच की संख्या एक लाख को पार कर रहा है. बिहार सरकार संभावित तीसरी लहर को लेकर विस्तृत कार्ययोजना पर तैयार कर रही है.
इसके तहत सभी सरकारी मेडिकल काॅलेज सह अस्पतालों के अलावे सदर और अनुमंडलीय अस्पतालों में नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट(Niku), पीडियाट्रीक इंटेंसिव केयर यूनिट(Piku) और एसएनसीयू की व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है.
ऑक्सीजन युक्त बेड और बाइपैप मशीन
मंगल पांडे ने कहा कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में हर स्तर पर तैयारी चल रही है. राजधानी से लेकर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था को पहले से और ज्यादा सुदृढ़ किया जा रहा है, बल्कि सभी जगहों पर आवश्यक संसाधन और उपकरणों को उपलब्ध कराया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग की पहल
स्वास्थ्य विभाग 15 से 20 दिनों के बाद आवश्यक सामग्रियां एवं जरूरी उपकरण केंद्रों तक पहुंचाने का काम करेगा. स्वास्थ्य विभाग की योजना अस्पतलों में ऑक्सीजन युक्त बेड और बाइपैप मशीन लगाने की है, ताकि महामारी के समय लोगों को तत्काल ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधा प्राप्त हो सके.