पटना : आज बिहार में सियासी पारा सातवें आसमान पर होगा. एक तरफ जहां पूर्णिया में महागठबंधन की रैली होगी. वहीं गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम चंपारण और पटना में कई कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. सियासी दलों की नजर सीमांचल पर है. बीजेपी का मानना है कि महागठबंधन की इस रैली का आयोजन ओवैसी का जवाब देने के लिए किया जा रहा है.
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'ओवैसी को जवाब देने के लिए महारैली' - मोदी : बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने तो यहां तक कह दिया है कि यह महारैली असदुद्दीन ओवैसी को जवाब देने के लिए है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के कारण आरजेडी को कई सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था. पूर्णिया और कटिहार में बीजेपी के कारण जेडीयू की जीत हुई, जिसमें कही भी नीतीश कुमार की भूमिका नहीं थी.
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''पूर्णिया में महागठबंधन की रैली सीमांचल में अपने मुस्लिम वोट को एकजुट करने की तैयारी है. लेकिन रैली को लेकर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग साफ दिख रहा है. फिर भी आप देखिएगा सातों दल मिलकर भी वे (महागठबंधन) उतनी भीड़ नहीं जुटा पाएंगे.'' - सुशील कुमार मोदी, बीजेपी सांसद
महागठबंधन पर ओवैसी की पार्टी का हमला : बीजेपी के बाद ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने कहा कि महारैली के जरिए एक बार फिर मुस्लिमों को ख्वाब दिखाए जाएंगे. अख्तरुल इमान ने कहा कि ये लोग बीजेपी का भय दिखाकर मुस्लिमों का वोट लेना चाहते हैं. आज तक इन लोगों (महागठबंधन) ने यहीं तो किया है.
''हमारी पार्टी के विधायकों को किसने तोड़ा, किसने हमारे विधायकों की मदद से सरकार बनाई. अगर बीजेपी से मुकाबला करना है तो कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनना चाहिए. सबको एकजुट होगा चाहिए. लेकिन इन लोगों की नियत साफ नहीं हैं, यहां हर कोई प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब रहा है, चाहे वो राहुल गांधी या नीतीश कुमार या फिर ममता बनर्जी.'' - अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार