पटना: जिले के बांस घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में इन दिनों बंद पड़ा है. जानकारी के अनुसार विद्युत शवदाह गृह में शव जलाने के लिए लगाए गए दोनों मशीन वर्तमान में खराब है. पिछले कई महीनों से शवदाह गृह की मशीन खराब होने के बाद नगर निगम ने हाल ही में मशीनों को ठीक कराया था. वहीं, दोबारा शवदाह गृह की इलेक्ट्रिक मशीन खराब हो गई. जिससे मृतक के गरीब परिजनों की परेशानी बढ़ गई है.
बांस घाट के विद्युत शवदाह गृह में ड्यूटी पर तैनात नगर निगम के कर्मचारी जोगेश्वर राम ने बताया कि 2 जुलाई की रात में शवदाह गृह की मशीन खराब हो गई है. यह मशीन 15 दिन पहले ही बनी थी. उन्होंने कहा कि मशीन खराब होने के बाद अच्छे तरीके से उसे नहीं बनाया जाता है. इस कारण मशीन बार-बार खराब हो जाती है.
14 हजार में जलाया जाता है कोरोना संक्रमित शव
वहीं, बांस घाट पर राम नवमी और अंतिम समय की यात्रा के अन्य सामान बेचने वाले दुकानदार कृष्णा प्रसाद ने बताया कि बरसात के समय में सभी घाट जलमग्न हो जाते हैं. इस कारण यहां सबसे अधिक शव जलाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना वाले डेड बॉडी को यहां लकड़ी पर जलाया जा रहा है. और इसका एक पैकेज बांधा हुआ है. जिसके अनुसार कोरोना संक्रमित डेड बॉडी को जलाने के लिए 14 हजार का एक पैकेज है.
मानसून के समय विद्युत शवदाह गृह का ज्यादातर उपयोग
गौरतलब है कि विद्युत से शव जलाने के लिए 300 रुपये लगते हैं. वहीं, लकड़ी से शव जलाने पर लगभग 10 हजार से ज्यादा का खर्च आता है. राजधानी पटना में मानसून के समय जब गंगा नदी उफान पर होती हैं. तब पटना के अधिकांश घाट जलमग्न हो जाते हैं. इस कारण सर्वाधिक डेड बॉडी पटना के बांस घाट पर ही जलाए जाते हैं. वहीं, मानसून के समय बारिश के कारण बांस घाट पर जलने वाले अधिकांश शव विद्युत शवदाह गृह में ही जलाए जाते हैं.