पटना: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की सियासी कवायद शुरू है. भारतीय जनता पार्टी भी अपना कुनबा बढ़ाने में लगी है. जहां नीतीश कुमार ने (Nitish Kumar visit to Delhi) दिल्ली जाकर कई दलों के नेताओं से मुलाकात की वहीं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने गुरुवार को लोजपाआर के सांसद चिराग पासवान से मुलाकात की. इन मुलाकातों के मतलब निकाले ही जा रहे थे कि राजद नेता मनोज झा ने एक ऐसा बयान दिया जिसके बाद सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गयी.
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नीतीश को जिम्मेदारीः मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यसभा सांसद मनोज झा ने शुक्रवार को दावा किया है कि चार महीने के अंदर विपक्ष का महागठबंधन बनकर तैयार हो जाएगा. प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा इस सवाल पर उन्होंने कहा कि चेहरे की इर्द गिर्द राजनीति नहीं होगी. उनका कहना था कि चेहरे की राजनीति से लोकतंत्र कमजोर होती है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में दूसरे दलों के नेताओं से मुलाकात के बाद नीतीश को यह जिम्मेदारी दी गयी है कि वो कुछ लोगों से बात करें.
संवाद कायम करने की पहलः मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक मनोज झा ने यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव जब दिल्ली में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने गये थे तो वहां लिफाफा खुला था. ताकि अलग-अलग दलों से संवाद कायम हो सके. बता दें कि दिल्ली दौरे लौटने के क्रम में पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीतीश कुमार ने भी कहा था कि सभी से अच्छी मुलाकात हुई है. जो बात हुई बता दिया गया है. वैसे जो भी सवाल उठा रहे हैं, बोलने दीजिए जो बोल रहा है, हम अपना काम कर रहे हैं.