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Patna News: पटना में लोको पायलट का प्रदर्शन, इन मांगों को लेकर बुलंद की अपनी आवाज - भारतीय रेल

रेल यात्रियों को समय पर गंतव्य स्थान तक पहुंचाने वाले लोको पायलट अपनी बुनियादी सुविधाओं को लेकर आंदोलनरत हैं. इनकी परेशानी को ध्यान में रखते हुए ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की तरफ से पटना जंक्शन पर विरोध प्रदर्शन किया गया. इनका कहना है कि रनिंग रूम में उन्हें जरूरी सुविधाएं तक नहीं मिलती हैं. रेलवे को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

पटना में लोको पायलट का प्रदर्शन
पटना में लोको पायलट का प्रदर्शन
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Published : Mar 20, 2023, 8:06 PM IST

पटना में लोको पायलट का प्रदर्शन

पटना: भारतीय रेल से रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं. ट्रेन को सुचारू रूप से चलाने में कई रेलवे कर्मचारियों की मेहनत तो होती है लेकिन इसमें लोको पायलट का अहम योगदान होता है. ट्रेनों में बैठे पैसेंजर को गंतव्य तक सही सलामत पहुंचाने का जिम्मा हो या पार्सल माल पहुंचाना हो, लोको पायलट की अहम जिम्मेदारी होती है लेकिन इनकी अपनी शिकायत भी है. अपनी उन्हीं मांगों को लेकर ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के बैनर तले पटना में बड़ी संख्या में लोको पायलट ने प्रदर्शन किया (Loco pilot protests in Patna).

ये भी पढ़ें: Patna News: दिल्ली संसद सत्र में आंदोलन करेगा रेलवे यूनियन, नेशनल ओल्‍ड पेंशन स‍िस्‍टम की मांग

पटना में लोको पायलट का प्रदर्शन: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए लोको पायलट सतीश कुमार ने अपना दर्द जाहिर करते हुए बताया कि हम लोग पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाते हैं. रेल यात्रियों की सहूलियत का ध्यान रखते हैं. सही समय पर गंतव्य तक ट्रेन को पहुंचाते हैं लेकिन इसके बावजूद रनिंग रूम में आराम हराम में तब्दील हो जा रहा है. यूं तो ट्रेनों में गर्मी के दिनों में जब तापमान बढ़ती है तो परेशानी होती है, क्योंकि बाहर की गर्मी से इंजन के पास पांच से छह डिग्री ज्यादा तापमान होता है. अधिकांश ट्रेनों के ड्राइवर केबिन में एयर कंडीशन नहीं होने के कारण गर्मी के दिनों में चालकों को परेशानी होती है. इतना ही नहीं यह सभी लोग जानते हैं कि अधिकांश ट्रेनों के इंजनों में बाथरूम की व्यवस्था तक नहीं रहती है.

'रनिंग स्टाफ को मिलनी चाहिए जरूरी सुविधाएं': वहीं, पटना जंक्शन पर कार्यरत अजय कुमार ने कहा कि रनिंग रूम को आरामदायक बनाना चाहिए, जिससे किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. उनकी मांग है कि रनिंग रूम में जो खाना मिलता है, उसे बेहतर किया जाए. वहां न तो बिछावन की व्यवस्था अच्छी होती है और ना ही मच्छरदानी मिलती है. ड्यूटी के दौरान तो हम लोग मोबाइल को बंद करके रखते हैं लेकिन जब आराम करने के लिए रनिंग रूम आते हैं तभी तो चैन से रह सकें.

क्या है इनकी मांगें?: प्रदर्शनकारी लोको पायलट की मांग है कि रनिंग स्टाफ के लिए रूम में सभी जरूरी सुविधाएं दी जाए. रनिंग रूम में मोबाइल हैंड ओवर करने का आदेश, रनिंग स्टाफ के रनिंग रूम छोड़ने के आदेश, मुख्यालय पर 16+2 घंटे का आराम सुनिश्चित करें, सभी रनिंग रूम की साफ-सफाई और उचित रख रखाव बनी रहें. आउट स्टेशन पर 8+2 घंटे का आराम सुनिश्चित करें. 36 घंटे के भीतर चालक दल को मुख्यालय वापस लाएं. ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री ने कहा कि 38 सूत्री मांगों को लेकर हमने प्रदर्शन किया है.

"देशभर में जितने भी रनिंग स्टाफ हैं, वह क्रू लॉबी के कारण परेशान हैं. ऐसे में इन लोगों की परेशानी को ध्यान रखते हुए रेलवे प्रशासन के विरोध में प्रदर्शन किया गया है. जिस तरह से ट्रेनों को सुचारू रूप से चलाने में रनिंग कर्मचारियों की जिम्मेवारी है, इनको भी आराम करने की जरूरत होती है"- एसएनपी श्रीवास्तव, महामंत्री, ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन

पटना में लोको पायलट का प्रदर्शन

पटना: भारतीय रेल से रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं. ट्रेन को सुचारू रूप से चलाने में कई रेलवे कर्मचारियों की मेहनत तो होती है लेकिन इसमें लोको पायलट का अहम योगदान होता है. ट्रेनों में बैठे पैसेंजर को गंतव्य तक सही सलामत पहुंचाने का जिम्मा हो या पार्सल माल पहुंचाना हो, लोको पायलट की अहम जिम्मेदारी होती है लेकिन इनकी अपनी शिकायत भी है. अपनी उन्हीं मांगों को लेकर ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के बैनर तले पटना में बड़ी संख्या में लोको पायलट ने प्रदर्शन किया (Loco pilot protests in Patna).

ये भी पढ़ें: Patna News: दिल्ली संसद सत्र में आंदोलन करेगा रेलवे यूनियन, नेशनल ओल्‍ड पेंशन स‍िस्‍टम की मांग

पटना में लोको पायलट का प्रदर्शन: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए लोको पायलट सतीश कुमार ने अपना दर्द जाहिर करते हुए बताया कि हम लोग पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाते हैं. रेल यात्रियों की सहूलियत का ध्यान रखते हैं. सही समय पर गंतव्य तक ट्रेन को पहुंचाते हैं लेकिन इसके बावजूद रनिंग रूम में आराम हराम में तब्दील हो जा रहा है. यूं तो ट्रेनों में गर्मी के दिनों में जब तापमान बढ़ती है तो परेशानी होती है, क्योंकि बाहर की गर्मी से इंजन के पास पांच से छह डिग्री ज्यादा तापमान होता है. अधिकांश ट्रेनों के ड्राइवर केबिन में एयर कंडीशन नहीं होने के कारण गर्मी के दिनों में चालकों को परेशानी होती है. इतना ही नहीं यह सभी लोग जानते हैं कि अधिकांश ट्रेनों के इंजनों में बाथरूम की व्यवस्था तक नहीं रहती है.

'रनिंग स्टाफ को मिलनी चाहिए जरूरी सुविधाएं': वहीं, पटना जंक्शन पर कार्यरत अजय कुमार ने कहा कि रनिंग रूम को आरामदायक बनाना चाहिए, जिससे किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. उनकी मांग है कि रनिंग रूम में जो खाना मिलता है, उसे बेहतर किया जाए. वहां न तो बिछावन की व्यवस्था अच्छी होती है और ना ही मच्छरदानी मिलती है. ड्यूटी के दौरान तो हम लोग मोबाइल को बंद करके रखते हैं लेकिन जब आराम करने के लिए रनिंग रूम आते हैं तभी तो चैन से रह सकें.

क्या है इनकी मांगें?: प्रदर्शनकारी लोको पायलट की मांग है कि रनिंग स्टाफ के लिए रूम में सभी जरूरी सुविधाएं दी जाए. रनिंग रूम में मोबाइल हैंड ओवर करने का आदेश, रनिंग स्टाफ के रनिंग रूम छोड़ने के आदेश, मुख्यालय पर 16+2 घंटे का आराम सुनिश्चित करें, सभी रनिंग रूम की साफ-सफाई और उचित रख रखाव बनी रहें. आउट स्टेशन पर 8+2 घंटे का आराम सुनिश्चित करें. 36 घंटे के भीतर चालक दल को मुख्यालय वापस लाएं. ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री ने कहा कि 38 सूत्री मांगों को लेकर हमने प्रदर्शन किया है.

"देशभर में जितने भी रनिंग स्टाफ हैं, वह क्रू लॉबी के कारण परेशान हैं. ऐसे में इन लोगों की परेशानी को ध्यान रखते हुए रेलवे प्रशासन के विरोध में प्रदर्शन किया गया है. जिस तरह से ट्रेनों को सुचारू रूप से चलाने में रनिंग कर्मचारियों की जिम्मेवारी है, इनको भी आराम करने की जरूरत होती है"- एसएनपी श्रीवास्तव, महामंत्री, ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन

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