पटना: बिहार स्टेट हाईवे प्रोजेक्ट-3 फेज-2 के अंतर्गत 5 राज्य उच्च पथों का निर्माण एशियन डेवलपमेंट बैंक (Asian Development Bank) के वित्त संपोषण से किया जाना है. इसके लिए भारत सरकार के डीईए के माध्यम से एडीबी (ADB) से ऋण लिये जाने की स्वीकृति प्राप्त हो गई है. एडीबी से ऋण की स्वीकृति मिलने के बाद 5 स्टेट हाईवे के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इसकी जानकारी पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Road Construction Minister Nitin Naveen) ने दी.
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पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Minister Nitin Naveen) ने बताया कि डीईए (DEA) की उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) को धन्यवाद दिया. जिन 5 स्टेट हाईवे के निर्माण का रास्ता प्रशस्त हुआ है, उसमें पथ संख्या-95 (मानसी-सिमरी बख्तियारपुर पथ), SH-98 (कटिहार-बलरामपुर पथ), SH-99 (बायसी-बहादुरगंज- दीघल बैंक पथ), SH-101 (अम्बा-देव-मदनपुर पथ), SH-103 (मंझवे-गोविंदपुर पथ) और SH-105 (बेतिया-नरकटियागंज पथ) शामिल हैं.
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इन सड़कों का अंतरराष्ट्रीय मानक के आधार पर चैड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण किया जाना है. सभी परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 2,680 करोड़ रुपये आंकी गई है. इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक लगभग 329 मिलियन डॉलर का ऋण भारत सरकार को देगा. सभी परियोजनाओं का कार्यान्वयन बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से किया जाएगा.
पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि राज्य उच्च पथ संख्या-95 के निर्माण से सिमरी बख्तियारपुर पर आवागमन में लगभग 2 से 2:30 घंटे की बचत होगी. इस मार्ग में प्रस्तावित पुल से मानसी से सहरसा जाने में 200 किमी की लगभग दूरी कम होगी. राज्य उच्च पथ संख्या-98 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पूर्वी बिहार से उत्तरी पश्चिम बंगाल आने-जाने में सुविधा होगी.
वहीं राज्य पथ संख्या-99 के बन जाने से सुदूरवर्ती जिले किशनगंज से एनएच-30, एनएच-327 और इंडो नेपाल बॉडर रोड के माध्यम से बिहार के अन्य जगहों पर आने-जाने में सुविधा होगी. एनएच-101 के निर्माण के फलस्वरूप अम्बा माता मंदिर और देव के सूर्य मंदिर जाना आसान हो जाएगा.
गया, नवादा, बिहारशरीफ, बांका, भागलपुर, औरंगाबाद आदि जगहों पर पहुंचने के लिये अपेक्षाकृत कम दूरी तय करनी पड़ेगी और समय की भी बचत होगी. एनएच-103 के बारे में नितिन नवीन ने बताया कि नवादा और झारखण्ड के खनिज तत्वों वाले क्षेत्रों में वाहनों के आवागमन में सुविधा होगी. ककोलत जल प्रपात पर्यटन स्थल जाने में भी सुविधा होगी.
इसके अतिरिक्त यह पथ देवघर और गया जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग का काम करेगा. बेतिया से नरकटियागंज राज्य पथ संख्या-105 के बन जाने से बेतिया से नरकटियागंज आने-जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग का काम करेगा और चनपटिया से नरकटियागंज आने-जाने के लिए कम दूरी तय करनी पड़ेगी.
'सड़कों के विकास से बिहार के किसी भी जगह से पांच घंटे में पटना पहुंच सकेंगे. अगले 15 दिनों में इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए परियोजना कार्यान्वयन इकाई पूर्ण रूप से कार्य करने लगेगी. परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू हो जाएगा.' -पंकज कुमार, प्रबंध निदेशक
एशियन डेवलपमेंट बैंक से सहमति के उपरांत निविदा की भी प्रक्रिया की जाएगी. निविदा के निपटारे के बाद कार्यों का अनुश्रवण सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा. इस परियोजना के तहत मानव बल, निर्माण सामग्री और समय का आकलन कर परियोजनाओं को कम से कम समय में पूर्ण कराने में सफलता मिली है.
नितिन नवीन बताया कि रोड के किनारे पौधे भी लगाए जाएंगे. इससे पर्यावरण की रक्षा हो सकेगी. सभी मार्गों पर वृक्षारोपण वृहद पैमाने पर किया जायेगा. इसके साथ ही कई घरों को पुनर्वासन किया जाएगा. उन्हें रहने के लिए वैकल्पिक स्थान दिया जाएगा.