पटना: लोजपा रामविलास अध्यक्ष व सांसद चिराग पासवान पटना पहुंचे. उन्होंने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुआ कहा कि 20 लाख रोजगार की बात कर रखी है. मालूम है कि इस तरह से चुनावी वर्ष में घोषणा सिर्फ घोषणा ही बनकर रह जाती है. उन्होंने कहा कि बिहार में कभी भी मध्यवर्ती चुनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. क्योंकि मुख्यमंत्री अपने ही घटक दल के दबाव में है.
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सीएम नीतीश पर दवाब: मुख्यमंत्री से जब कोई रोजगार मांगने जाता है. तब उन पर लाठियां चलती है. पिछले 18 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. लेकिन अभी भी उन्हें सिर्फ घोषणा ही करनी पड़ रही है. उन्होंने 20 लाख रोजगार की बात कही थी. अगर वे सभी को रोजगार दे देते तब तब खुशी होगी कि मुख्यमंत्री अपनी कही बातों को सही कर दिखाए.
राम पर आस्था का विषय: पूर्व सीएम जीतन मांझी की बातों पर जवाब देते हुए कहा कि राम का रहना या नहीं रहना एक आस्था का विषय है. किसी व्यक्ति की आस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए. उनकी भावना को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए. एक राजनीतिक दल होने के नाते सबकी भावनाओं का सम्मान करना आपका दायित्व होता है. वहीं आपको राजनेता होने के नाते जनता की सेवा करना काम होता है.
शिक्षा रोजगार पर करें बात: इस बात पर बहस करना किसी भी तरीके से उचित नहीं है कि राम बड़े या रावण बड़े थे. आप एक तरह से सरकार का हिस्सा हैं. आप लोगों को जनता के लिए रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, अपराध मुक्त समाज बनाने के लिए काम करना चाहिए. वहीं बिहार में बढ़ते घटनाओं पर कहा कि जंगलराज क्या था. पता नहीं ,हम लोगों को जंगलराज के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही बताया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले विधानसभा चुनाव में घूम-घूमकर बताते थे कि 1990 का दशक के जवान हैं. वह अपने माता-पिता से पूछे तब उनको पता चलेगा कि जंगलराज कैसा होता था.
"20 -30 साल के युवाओं को नहीं पता कि जंगलराज कैसा था. लेकिन आज की तारीख में जंगलराज से उनको काफी फर्क पड़ रहा है. क्योंकि जिस तरह से आपराधिक घटनाएं बढ़ रही है. प्रतिदिन राज्य में घटनाएं घट रही है. अगर जंगलराज की परिभाषा देखा जाए तो जो स्थिति अभी है."- चिराग पासवान, सांसद