पटना: लोक जनशक्ति पार्टी को बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी अब बंगाल की सभी 294 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने एनडीए से अलग हटकर 135 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था. जिसमें लोजपा महज एक सीट पर ही जीत हासिल कर पाई थी.
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बंगाल में अकेले लड़ रही चुनाव
लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चंदन सिंह ने बताया कि पश्चिम बंगाल चुनाव में लोजपा 294 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर रही है. हालांकि, यहां पर भी लोजपा अकेले ही चुनाव लड़ रही है. पश्चिम बंगाल में लोजपा की चुनाव लड़ने की मंशा पार्टी के आधार को बंगाल में बढ़ाकर मजबूत करने की है. वहीं, अभी तक के लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान बंगाल चुनाव में नहीं उतरे हैं.
दलितों का नहीं हो पाया उत्थान
लोजपा नेता चंदन सिंह ने बताया कि लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान चाहते थे कि देश के सभी राज्यों में लोजपा चुनाव लड़े. जिस वजह से लोजपा ने अकेले दम पर बंगाल चुनाव में उतरने का फैसला किया है.
लोजपा नेता ने बताया कि बंगाल में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग की आबादी लगभग 53% है. वहां पर दलितों की संख्या होने के बावजूद इस वर्ग के विधायक प्रतिनिधि की हिस्सेदारी बहुत कम है.
रामविलास पासवान की हमेशा से चाहत रही है कि दलितों के उत्थान को लेकर लेकिन बंगाल में अब तक दलितों का उत्थान नहीं हो पाया है.
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चुनाव में जीत का दावा
ऐसे में कहीं ना कहीं सवाल खड़ा हो रहा है कि बिहार की क्षेत्रीय पार्टी होने के बावजूद लोजपा बिहार विधानसभा चुनाव में महज एक सीट पर ही सिमट कर रह गई थी. ऐसे में दूसरे राज्य में चुनाव लड़कर लोजपा क्या हासिल कर पाएगी.
वहीं, लोजपा नेता चंदन सिंह नेता दावा है कि पश्चिम बंगाल चुनाव में जिस किसी की भी सरकार बनेगी, उस में लोजपा की अहम भूमिका होगी. हालांकि, पश्चिम बंगाल और असम के प्रथम फेज का चुनाव संपन्न हो चुका है. पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के लिए मतदान कल, 1 अप्रैल को होना है.