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बिहार में 'अ'पूर्ण शराबबंदी ! धड़ल्ले से हो रही बिक्री, खाकी तक तस्करी में संलिप्त

जब बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी है, तो बिहार में शराब का व्यवसाय कैसे फल फूल रहा है? क्या पुलिसकर्मियों के बिना मिलीभगत के बिहार में शराब का कारोबार हो सकता है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो सभी के मन में उठ रहे हैं. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
पटना
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Published : Mar 1, 2021, 7:01 PM IST

Updated : Mar 1, 2021, 10:13 PM IST

पटना: बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद भी राजधानी पटना समेत बिहार के गांव, गली, मोहल्ले सभी जगह खुलेआम शराब की बिक्री हो रही है. शराब माफियाओं का हौसला इतना बुलंद हो गया है कि आम इंसान तो छोड़िए अपराधी पुलिस वालों को भी नहीं बख्श रहे हैं. सूबे में धड़ल्ले से शराब की बिक्री हो रही है. पुलिस विभाग का दावा है कि जो भी शराबबंदी कानून के खिलाफ काम करेगा उस पर बिहार पुलिस कार्रवाई कर रही है.

जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

'अगर शराब बंदी कानून में किसी भी पुलिसकर्मी की संलिप्तता पाई जाएगी तो उनके ऊपर विभागीय और कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. पहले भी कई लोगों को शराब तस्करी में संलिप्तता पाए जाने पर कार्रवाई की गई है'- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

शराबबंदी लागू होने से अब तक
शराबबंदी लागू होने से अब तक

'मद्य निषेध कानून के लेकर पुलिस कटिबद्ध'
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार की माने तो मद्य निषेध कानून के तहत पुलिस मुख्यालय कटिबद्ध है कि कैसे बिहार में शराब बंदी कानून का पालन किया जा सके. मद्य निषेध विभाग को शराब तस्करों और शराब पकड़ने के लिए अब डॉग स्क्वॉयड की टीम भी लगाई जाएगी. श्वान दस्ता की टीम अब शराबबंदी में भी कारगर साबित हो रही है. ये निर्णय मध निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने लिया है. जिसका परिणाम सही देखने को मिल रहा है.

शराबबंदी और 'खाकी पर दाग'
शराबबंदी और 'खाकी पर दाग'

शराबबंदी कानून को लेकर सीएम सख्त
शराबबंदी कानून को तोड़ने वालों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा कहते हैं कि किसी भी हालत में ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, जो शराबबंदी कानून को पालन करवाने में या उसके तोड़ने में उनकी भूमिका पाई जाएगी. विपक्ष भी सरकार पर इस मुद्दे को लेकर लगातार हमलावर रहा है. हालांकि सीएम नीतीश कुमार हमेशा ये कहते हैं कि सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

'हमने हर बैठक में पुलिस पदाधिकारियों को कहा है कि वो अपने स्तर पर इसमें संलिप्त लोगों का पता करें और लोगों को जागरूक करें. कुछ लोग जो इधर-उधर करते रहते हैं उनका पता लगाकर उन पर कार्रवाई होना चाहिए'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

देखिए रिपोर्ट

शराब माफियाओं पर कसता शिकंजा
नई सरकार के गठन के बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार जो कि पहली बार गोपालगंज जिले से विधायक बने हैं. उन्हें मद्य निषेध मंत्री बनाया गया है. हालांकि उन्हें मंत्री बनाने का मुख्य मकसद है कि उन्हें बिहार और बिहार पुलिस के बारे में अच्छी जानकारी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पूर्व डीजी सुनील कुमार को मद्य निषेध मंत्री बनाने से पूर्ण शराबबंदी कानून को लेकर काफी उम्मीद है.

सुनील कुमार, मद्य निषेध मंत्री
सुनील कुमार, मद्य निषेध मंत्री

'शराबबंदी कानून को लेकर बिहार और दूसरे राज्यों के माफियाओं पर भी शिकंजा कसा जा रहा है. काफी मात्रा में शराब की बरामदगी भी की जा रही है'- सुनील कुमार, मद्य निषेध मंत्री

WHO की रिपोर्ट
WHO की रिपोर्ट

माफिया लोगों की जिंदगी कर रहे तबाह
चंद रुपयों की चमक के आगे माफिया लोगों की ज़िंदगी तबाह कर रहे हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने जो रिपोर्ट जारी की है, वो काफी डराने वाली है. डब्ल्यूएचओ की रिसर्च के मुताबिक शराब पीने से विश्व में 18 फीसदी आत्महत्या के मामले बढ़े हैं. 27 फीसदी सड़क हादसे शराब पीने से होते हैं. 26 प्रतिशत माउथ कैंसर और पेनक्रियाज की बीमारी शराब पीने से होती है. दुनिया में 13.5 फीसदी युवाओं की शराब पीने के चलते ही उनकी असमय मौत हो रही है.

पटना: बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद भी राजधानी पटना समेत बिहार के गांव, गली, मोहल्ले सभी जगह खुलेआम शराब की बिक्री हो रही है. शराब माफियाओं का हौसला इतना बुलंद हो गया है कि आम इंसान तो छोड़िए अपराधी पुलिस वालों को भी नहीं बख्श रहे हैं. सूबे में धड़ल्ले से शराब की बिक्री हो रही है. पुलिस विभाग का दावा है कि जो भी शराबबंदी कानून के खिलाफ काम करेगा उस पर बिहार पुलिस कार्रवाई कर रही है.

जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

'अगर शराब बंदी कानून में किसी भी पुलिसकर्मी की संलिप्तता पाई जाएगी तो उनके ऊपर विभागीय और कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. पहले भी कई लोगों को शराब तस्करी में संलिप्तता पाए जाने पर कार्रवाई की गई है'- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

शराबबंदी लागू होने से अब तक
शराबबंदी लागू होने से अब तक

'मद्य निषेध कानून के लेकर पुलिस कटिबद्ध'
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार की माने तो मद्य निषेध कानून के तहत पुलिस मुख्यालय कटिबद्ध है कि कैसे बिहार में शराब बंदी कानून का पालन किया जा सके. मद्य निषेध विभाग को शराब तस्करों और शराब पकड़ने के लिए अब डॉग स्क्वॉयड की टीम भी लगाई जाएगी. श्वान दस्ता की टीम अब शराबबंदी में भी कारगर साबित हो रही है. ये निर्णय मध निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने लिया है. जिसका परिणाम सही देखने को मिल रहा है.

शराबबंदी और 'खाकी पर दाग'
शराबबंदी और 'खाकी पर दाग'

शराबबंदी कानून को लेकर सीएम सख्त
शराबबंदी कानून को तोड़ने वालों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा कहते हैं कि किसी भी हालत में ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, जो शराबबंदी कानून को पालन करवाने में या उसके तोड़ने में उनकी भूमिका पाई जाएगी. विपक्ष भी सरकार पर इस मुद्दे को लेकर लगातार हमलावर रहा है. हालांकि सीएम नीतीश कुमार हमेशा ये कहते हैं कि सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

'हमने हर बैठक में पुलिस पदाधिकारियों को कहा है कि वो अपने स्तर पर इसमें संलिप्त लोगों का पता करें और लोगों को जागरूक करें. कुछ लोग जो इधर-उधर करते रहते हैं उनका पता लगाकर उन पर कार्रवाई होना चाहिए'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

देखिए रिपोर्ट

शराब माफियाओं पर कसता शिकंजा
नई सरकार के गठन के बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार जो कि पहली बार गोपालगंज जिले से विधायक बने हैं. उन्हें मद्य निषेध मंत्री बनाया गया है. हालांकि उन्हें मंत्री बनाने का मुख्य मकसद है कि उन्हें बिहार और बिहार पुलिस के बारे में अच्छी जानकारी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पूर्व डीजी सुनील कुमार को मद्य निषेध मंत्री बनाने से पूर्ण शराबबंदी कानून को लेकर काफी उम्मीद है.

सुनील कुमार, मद्य निषेध मंत्री
सुनील कुमार, मद्य निषेध मंत्री

'शराबबंदी कानून को लेकर बिहार और दूसरे राज्यों के माफियाओं पर भी शिकंजा कसा जा रहा है. काफी मात्रा में शराब की बरामदगी भी की जा रही है'- सुनील कुमार, मद्य निषेध मंत्री

WHO की रिपोर्ट
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माफिया लोगों की जिंदगी कर रहे तबाह
चंद रुपयों की चमक के आगे माफिया लोगों की ज़िंदगी तबाह कर रहे हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने जो रिपोर्ट जारी की है, वो काफी डराने वाली है. डब्ल्यूएचओ की रिसर्च के मुताबिक शराब पीने से विश्व में 18 फीसदी आत्महत्या के मामले बढ़े हैं. 27 फीसदी सड़क हादसे शराब पीने से होते हैं. 26 प्रतिशत माउथ कैंसर और पेनक्रियाज की बीमारी शराब पीने से होती है. दुनिया में 13.5 फीसदी युवाओं की शराब पीने के चलते ही उनकी असमय मौत हो रही है.

Last Updated : Mar 1, 2021, 10:13 PM IST
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