पटना: बिहार में अपराधियों का हौसला लगातार बुलंद होता दिख रहा है. आये दिन शराब और बालू माफियाओं द्वारा बिहार पुलिस (Bihar Police) पर हमला किया जा रहा है. एक तरफ जहां पुलिस बालू और शराब माफियाओं पर शिकंजा कस रही है. वहीं, दूसरी तरफ पुलिस पर हमले (Attack on Police) भी हो रहे हैं, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
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अपराधियों में पुलिस का खौफ इन दिनों खत्म होता दिख रहा है. दो दिन पहले वैशाली (Vaishali) जिले के राघोपुर के चक सिंगार में 5 लोगों की मौत के बाद शराब माफियाओं के साथ-साथ बालू माफियाओं के विरुद्ध अभियान चला रही पुलिस टीम पर हमला बोल दिया गया, जिसमें 3 जवान घायल हुए.
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बिदुपुर थाना क्षेत्र के नावानगर सतवारा पश्चिम घाट के समीप नाव से शराब की खेप पहुंचने वाली है. पुलिस टीम जब घटनास्थल पर पहुंची तो शराब धंधेबाज और बालू माफियाओं ने हमला बोल दिया. पथराव के दौरान 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए. जवानों को जान बचाकर भागना पड़ा. पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
यही नहीं, रविवार को भी गंगा ब्रिज थाने के तेरसिया में गांधी सेतु के पाया नंबर 27 के समीप बालू माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई करने पहुंचे सदर एसडीपीओ राघव दयाल और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया था, जिससे कई पुलिसकर्मी को चोट आई थी. पुलिस की गाड़ी भी क्षतिग्रस्त की गई थी.
नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र में पिछले 2 साल में बालू घाटों पर अवैध बालू उठाव पर रोक लगाने गई पुलिस टीम पर आधा दर्जन हमले हो चुके हैं. शनिवार सुबह जिला अधिकारी यशपाल मीणा के निर्देश पर एसडीएम उमेश कुमार भारती के नेतृत्व में छापेमारी करने गई पुलिस पर बालू माफियाओं ने हमला कर दिया था. वहीं, 11 दिन पहले रानी तालाब के पास बालू माफियाओं ने पुलिस को खदेड़-खदेड़ कर पीटा था, जिससे एसएचओ सहित छह पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
मुंगेर जिले के असरगंज थाना क्षेत्र के मकवा पंचायत के सूचना गांव में कुछ दिन पहले शराब तस्करों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर अराजक तत्वों द्वारा हमला किया गया था. हमले में आधा दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे. हालांकि इन मामलों में पुलिस मुख्यालय कुछ भी बोलने से बच रही है.
शराब और बालू माफियाओं द्वारा पुलिस पर किए जा रहे हमले के संबंध में बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास ने कहा, 'बिहार में भले ही सुशासन का ढोल बजाया जा रहा हो, लेकिन वास्तविकता में बिहार में अपराधियों का राज है. अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है, जिस वजह से लगातार पुलिस पर हमले हो रहे हैं. क्योंकि उन्हें पता है कि उनका कुछ नहीं बिगड़ने वाला है.'
"बिहार में आज माफिया राज है. ईमानदार लोगों पर सर्जिकल स्ट्राइक हो रहा है. जब माफिया को सत्ता का संरक्षण हो तो पुलिस का रुतवा अपनेआप कम हो जाएगा. बिहार सरकार में बड़े-बड़े अपराधी घुसे हुए हैं."- अमिताभ दास, पूर्व आईपीएस अधिकारी
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