पटना: देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने भयावह रूप ले लिया था. आस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीज दम तोड़ रहे थे. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से राज्य के सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अनुमति दी गई थी. वहीं बिहार की राजधानी पटना के पीएमसीएच में मई माह में ही लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट (Liquid Oxygen Plant) लगना शुरू किया गया था. इस ऑक्सीजन प्लांट को जून में शुरू किया जाना था, लेकिन अब तक शुरू नहीं हो सका है.
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दरअसल, 7 मई को पीएमसीएच में 1,000 लीटर की क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट शुरू हुआ. उस समय अधीक्षक ने दावा किया था कि एक माह के अंदर 20,000 लीटर क्षमता वाला लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएगा. जिसका निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है. लेकिन अब तक यह प्लांट शुरू नहीं हो पाया है. लिंडे कंपनी (Linde Company) के माध्यम से पीएमसीएच में 20,000 लीटर की क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट तैयार किया जा रहा है. अस्पताल के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अगले 15 से 20 दिनों में भी शुरू होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
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बताते चलें कि पीएमसीएच में प्रतिदिन 18,000 लीटर ऑक्सीजन की खपत है. यदि ऑक्सीजन प्लांट शुरू होता है तो पीएमसीएच में ऑक्सीजन का उत्पादन 21,000 लीटर हो जाएगा. ऐसे में पीएमसीएच अस्पताल में ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होने के साथ ही प्रदेश के कई छोटे अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की आपूर्ति कर सकता है.
इस मामले में अस्पताल के अधीक्षक ने कोई भी जानकारी देने से परहेज करते दिखे. एक तरफ देश में अगस्त माह में कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका व्यक्त की जा रही है और चिकित्सा जगत इसे लेकर सरकार को पूरी तैयारी कर लेने को सलाह दे रहे हैं. ऐसे में पीएमसीएच में ऑक्सीजन प्लांट का अब तक शुरू न होने से तीसरी लहर की तैयारियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. अब देखना यह है कि अस्पताल में कब तक यह ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो जाता है.