पटना: आद्री के निदेशक सह प्रसिद्ध अर्थशास्त्री शैवाल गुप्ता का 67 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया. शैवाल गुप्ता लंबे समय से बीमार चल रहे थे. इनके निधन पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पांडे ने गहरा दुख प्रकट किया. रामनरेश पांडे ने कहा कि ऐसे व्यक्ति के निधन से राज्य और समाज की अपूरणीय क्षति हुई है.
शैवाल गुप्ता के निधन भाकपा माले ने जताया दुख
वहीं, भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने अपने शोक संदेश में कहा कि शैवाल गुप्ता के निधन से हमने जनता की चिंताओं के प्रति लगातार सजग रहने वाले प्रखर मस्तिष्क को आज खो दिया है. शैवाल गुप्ता बिहार के विकास के एजेंडे के प्रति लगातार चिंतित रहे. वे मानते थे कि भूमि सुधार ही वह एजेंडा है. जिसके जरिए ही बिहार को जन पक्षीय विकास का मॉडल मिल सकता है.
शैवाल गुप्ता के जाने से बिहार को हुई अपूरणीय क्षति
आइसा के संस्थापक महासचिव ट्रेन सुलझाने शैवाल गुप्ता के निधन पर कहा कि छात्र आंदोलन, ग्रामीण, गरीब और किसानों के आंदोलन में उनका गहरा जुड़ाव था. उनके निधन से बिहार को अपूरणीय क्षति हुई है.
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नहीं रहे अर्थशास्त्री शैवाल गुप्ता
सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने भी शैवाल गुप्ता के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि बिहार के आर्थिक सुधार में शैवाल गुप्ता का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान था. उनके निधन से आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक सभी क्षेत्रों को अपूरणीय क्षति हुई है.
कौन थे शैवाल गुप्ता
शैवाल गुप्ता एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, सेंटर फॉर इकॉनोमिक पॉलिसी एंड पब्लिक फाइनेंस के निदेशक और एशियाई विकास शोध संस्थान के सदस्य भी थे. उन्होंने राज्य के कई आर्थिक सुधारों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है.