पटना : आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव की संपत्ति को ईडी द्वारा अटैच किये जाने को लेकर बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. एक तरफ जहां जदयू के लोग लालू के समर्थन में उतर आए हैं, तो वहीं भाजपा के नेता लालू यादव पर आरोप लगा रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष विजय सिंह ने पूछा है कि ''चपरासी क्वार्टर में रहने वाले लालू यादव 150 करोड़ के महल तक कैसे पहुंचे?''
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'लालू यादव की भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति' : नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि लालू यादव द्वारा अर्जित की गई संपत्ति भ्रष्टाचार के जरिए है. यही कारण है कि आज जांच एजेंसी उसकी जांच कर रही हैं. संपत्ति के बारे में जानकारी मिल रही है तो संपत्ति जब्त की जा रही है. इसपर राजद के लोगों में बौखलाहट है. राजद के नेता इस मामले में तरह-तरह के बयान दे रहे हैं.
''राजद के लोग इसको लेकर जो कुछ कह रहे हैं वह गलत बयानी कर रहे हैं. जो सच्चाई है वह सामने आ रही है. इसमें कहीं से भी मोदी सरकार को कोई लेना-देना नहीं है. देश में कहीं भी अगर भ्रष्टाचार हुआ हो और उसकी संपत्ति मिलती हो, उसके आरोपी सामने आते हैं तो उन पर कार्रवाई होती हैं. जो जांच एजेंसी है वह स्वतंत्र है और स्वतंत्र रूप से इस तरह की कार्रवाई होती रहती है.'' - विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा
'भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी मोदी सरकार' : विजय सिन्हा ने कहा कि जिस समय में वह भ्रष्टाचार से धन अर्जित कर रहे थे, उस समय में किसी भी तरह की बात नहीं करते थे और आज जब जांच एजेंसी कार्रवाई कर रही है तो यह लोग प्रलाप करने में लगे हैं. लोगों को बरगलाने में लगे हैं, लेकिन जनता जानती है कि भ्रष्टाचार की उपज की जो संपत्ति होगी आज न कल उसका खुलासा होगा. वर्तमान में जो नरेंद्र मोदी की सरकार है वह कहीं से भी इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती है.
नौकरी के बदले जमीन घोटाले में ईडी की कार्रवाई : बता दें कि रेलवे में लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में लालू यादव और उनके परिवार की 6.2 करोड़ रुपए की संपत्ति को ईडी ने अटैच कर लिया है. इसमें लालू यादव, उनकी बेटी हेमा यादव और तेजस्वी यादव का कथित दिल्ली स्थित बंगला है जिसे प्रवर्तन निदेशालय ने अपने कब्जे में ले लिया है.