नई दिल्ली/पटना : बिहार के बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है. अब इस केस में नई तारीख पर सुनवाई होगी. सीनियर एडवोकेट एपी सिंह ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. आनंद मोहन का केस 27 नंबर पर था. 24 वें नंबर तक ही सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई. इस मामले में अब नई तारीख मिलेगी फिर इसपर सुनवाई होगी. हालांकि आनंद मोहन केस में सुनवाई टलते ही बिहार में सियासत भी शुरू हो गई.
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आनंद मोहन को लेकर बिहार में संग्राम : आनंद मोहन का राजनीतिक भविष्य अधर में है, फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में विचार अधीन है. आनंद मोहन को लेकर बिहार में सियासी संग्राम छिड़ा है. भाजपा और महागठबंधन आमने-सामने है. भाजपा विधान मंडल दल के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा है कि ''आनंद मोहन को जेल किसने भिजवाया? यह सब को पता है. नीतीश कुमार फंसाते भी हैं और बचाते भी हैं. आनंद मोहन प्रकरण में भी नीतीश कुमार ने ऐसा ही कुछ किया. पहले उन्हें जेल भिजवाया गया उसके बाद फिर राजनीतिक फायदे के लिए जेल से बाहर लाया गया.''
राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि ''मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. फैसला आने के बाद ही कोई वक्तव्य दिया जा सकता है. लेकिन सुशील मोदी को या स्पष्ट करना चाहिए कि आनंद मोहन को लेकर उन्होंने जो पहले बयान दिया था. वह उस पर कायम हैं कि नहीं? भाजपा के लोग दोहरी राजनीति करते हैं.''
आनंद मोहन पर टली आज सुप्रीम सुनवाई : बता दें कि आज की सुनवाई में उम्मीद थी कि आनंद मोहन की रिहाई या तो पक्की हो जाएगी या फिर वो दोबारा जेल जाएंगे. इसको लेकर सियासी दलों ने अपनी-अपनी तैयारी कर रखी थी. आनंद मोहन भी किसी पार्टी पर खुलकर पक्ष नहीं ले रहे थे. लेकिन नीतीश की तरफ उनका रुझान देखने को जरूर मिल रहा है. बता दें कि 11 अगस्त 2023 को हुई कोर्ट में सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा था कि इस केस में अब आज यानी 26 सितंबर को सुनवाई की जाएगी.
क्या है मामला? : दरअसल, आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के दोषी पाए जाने पर आजीवन कारवास की सजा काट रहे थे. लेकिन नीतीश सरकार ने जेल मैनुअल में संशोधन करके सहरसा जेल से रिहा कर दिया. जी कृष्णैया की पत्नी ने इसी जेल मैनुअल में संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया है. उनकी मांग है कि आनंद मोहन की रिहाई अवैध है. उन्हें वापस जेल में भेजा जाए.
1994 को हुई थी जी कृष्णैया की हत्या: साल 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिला कलेक्टर जी कृष्णैया को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था. घटना को तब अंजाम दिया गया था जब डीएम की गाड़ी गैंगस्टर छोटन शुक्ला के अंतिम संस्कार के जुलूस से निकलने की कोशिश कर रही थी. भीड़ को उकसाने का आरोप आनंद मोहन पर था. कोर्ट ने दोषी पाते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी.