पटना: पांच दिनों तक चलने वाले बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र (Bihar Assembly Winter Session 2022) के आखिरी दिन भी छपरा जहरीली शराब कांड का मुद्दा गरमाया रहा. पूरे सत्र के दौरान सदन के भीतर और बाहर विपक्ष लगातार प्रदर्शन और नारेबाजी करता रहा. बीजेपी विधायकों ने विधानसभा परिसर के बोधिवृक्ष के नीचे एक मिनट का मौन व्रत रखा. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि बोधिवृक्ष नीतीश सरकार को सद्बुद्धि दें ताकि लाशों की ढेर पर राजनीति को बंद करें. बता दें कि छपरा जहरली शराब कांड के पीड़ितों के लिए विपक्ष मुआवजे की मांग कर रहा है.
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''भगवान सरकार को सद्बुद्धि दें, लाशों के ढेर पर राजनीति बंद करें. सब लोग पीपल के वृक्ष को घेरकर एक मिनट के लिए मौन रखकर खड़े हो जाएं''- विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष
विधानसभा में सारण शराबकांड पर हंगामा: दरअसल, बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन सोमवार को भी सारण में जहरीली शराब से हुई लोगों की मौत को लेकर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया. बीजेपी के सदस्य मृतक के परिजनों को मुआवजे की मांग कर रहे हैं. सत्र के अंतिम दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने सारण में जहरीली शराब से हुई मौत के मामले को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सदस्यों को अपने स्थान पर जाने के लिए निवेदन करते रहे, लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा.
सदन में रखा था दो मिनट का मौन: गौरतलब है कि विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन जब सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो बीजेपी की ओर से पहले हाफ में हंगामा किया गया. दूसरे हाफ में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्य वेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी (Assembly Speaker Awadh Bihari Choudhary) की ओर से बोलने का मौका नहीं दिया गया. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष के साथ सभी भाजपा सदस्यों ने 2 मिनट मौन रखा और सदन से वॉक आउट (BJP Walk Out From Bihar Assembly) कर गये.
मुआवजे की मांग को लेकर सदन में 'संग्राम': हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने प्रतिपक्ष के नेता को बोलने का समय दिया. सिन्हा ने हंगामे के बीच सारण में जहरीली शराब पीने से मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजे की मांग करते हुए इस मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग रखी. उन्होंने कहा कि जब गोपालगंज में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद मुआवजा दिया जा सकता है, तो सारण में क्यों नही. उन्होंने प्रस्ताव रखा कि मृतकों के प्रति सदन में शोक प्रकट किया जाए.
अब तक 73 की मौत, 38 की पुष्टि: बता दें कि छपरा जहरीली शराब कांड में मरने वालों का आंकड़ा 73 तक पहुंच चुका है. जबकि बिहार सरकार के मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मृतकों की संख्या की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी आधिकारिक स्रोतों से 38 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है. अभी भी सरकार और प्रशासन को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. इस मामले में एसआईटी जांच कर रही है.