रांची/पटना: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद को हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. इसके बाद भी जेल से उनकी रिहाई नहीं हो पा रही है. हाईकोर्ट ने लालू को बेल बांड भरने का आदेश दिया है, लेकिन कोरोना की वजह से निचली अदालत में फिलहाल काम बंद है. ऐसे में लालू बेल बांड नहीं भर पा रहे हैं.
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दरअसल, झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने अपने अधिवक्ताओं को 7 दिनों तक किसी भी प्रकार की अदालती कार्रवाई में भाग नहीं लेने का निर्देश दिया है. बार काउंसिल के उसी आदेश के कारण निचली अदालत में बेल बांड नहीं भरा जा सका है. जिसके कारण वह जेल से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.
कोरोना की वजह से नहीं भर पा रहे हैं बांड
लालू को जेल से बेल 16 अप्रैल को मिल चुका है. लेकिन राज्य में कोरोना के बढ़ते हुए मामले को देखते हुए मिनी लॉकडाउन लगाया गया है. हालांकि स्टेट बार काउंसिल ने खुद ही कोरोना के बढ़ते हुए मामले को देखते हुए कामकाज बंद रखने का फैसला किया था. स्टेट बार काउंसिल ने 25 अप्रैल तक के लिए यह रोक लगाई है.
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रविवार को होगी बैठक
इसे आगे बढ़ाने के मामले पर निर्णय लेने के लिए रविवार को बैठक होने वाली है. बैठक के बाद अगर अधिवक्ताओं को एक और हफ्ते अदालती कार्य से अलग रहने के निर्देश दिया जाता है तो, ऐसे में लालू प्रसाद को जेल से बाहर निकलने के लिए 1 सप्ताह का और इंतजार करना पड़ सकता है.
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26 को जेल से बाहर आएंगे लालू
स्टेट बार काउंसिल अगर रविवार को ये फैसला लेती है कि आगे वो आदालती कामकाज करेंगे तो, 25 अप्रैल को लालू प्रसाद के अधिवक्ता निचली अदालत में बेल बांड भरेंगे. उसके बाद 25 या 26 अप्रैल को लालू प्रसाद जेल से रिहा हो सकते हैं. बहुचर्चित चारा घोटाला के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में झारखंड हाईकोर्ट से लालू प्रसाद को 16 अप्रैल को बेल दिया गया था.