पटना: पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने भी बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. अपने ट्वीट में लालू ने नसीहत देते हुए कहा कि आरक्षण खत्म करने की बात करने वाले जातियां खत्म करने की बात क्यों नहीं करते?
लालू प्रसाद का ट्वीट
लालू प्रसाद ने ट्वीट में कहा, 'आरक्षण खत्म करने की बात करने वाले जातियां खत्म करने की बात क्यों नहीं करते? इसलिए कि जातियां उन्हें श्रेष्ठ बनाती हैं, ऊंचा स्थान देकर बेवजह उन्हें स्वयं पर अहंकार करने का अवसर देती है. हम कहते हैं पहले बीमारी खत्म करो लेकिन वो कहते हैं नहीं पहले इलाज खत्म करो.'
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आरक्षण खत्म करने की बात करने वाले जातियाँ खत्म करने की बात क्यों नहीं करते? इसलिए कि जातियाँ उन्हें श्रेष्ठ बनाती हैं, ऊँचा स्थान देकर बेवजह उन्हें स्वयं पर अहंकार करने का अवसर देती है।
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हम कहते है पहले बीमारी ख़त्म करो लेकिन वो कहते है नहीं पहले इलाज ख़त्म करो।
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हम कहते है पहले बीमारी ख़त्म करो लेकिन वो कहते है नहीं पहले इलाज ख़त्म करो।आरक्षण खत्म करने की बात करने वाले जातियाँ खत्म करने की बात क्यों नहीं करते? इसलिए कि जातियाँ उन्हें श्रेष्ठ बनाती हैं, ऊँचा स्थान देकर बेवजह उन्हें स्वयं पर अहंकार करने का अवसर देती है।
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हम कहते है पहले बीमारी ख़त्म करो लेकिन वो कहते है नहीं पहले इलाज ख़त्म करो।
केंद्र सरकार को दी चुनौती
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पदोन्नति में आरक्षण कोई मौलिक अधिकार नहीं है और राज्य नियुक्तियों में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं हैं. इधर, लालू प्रसाद के पुत्र और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए केंद्र सरकार को चुनौती दी है.
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'संसद तक होगा संग्राम'
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, 'हम एनडीए सरकार को चुनौती देते है कि तुरंत सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करें या फिर आरक्षण को मूल अधिकार बनाने के लिए मौजूदा संसद सत्र में संविधान में संशोधन करे. अगर ऐसा नहीं होगा तो सड़क से लेकर संसद तक संग्राम होगा.'