पटना: जमीन के बदले नौकरी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्यवाही शुरू कर दी है. राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. तेजस्वी यादव 22 दिसंबर को तो लालू यादव को 27 दिसंबर को बुलाया गया है. लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में तेजस्वी यादव से 11 अप्रैल को पूछताछ हो चुकी है. 8 घंटे तक पूछताछ चली थी. लालू प्रसाद यादव को पहली बार पूछताछ के लिए बुलाया गया है. राष्ट्रीय जनता दल को गिरफ्तारी का डर सता रहा है.
बीजीपी लोकसभा चुनाव से पहले फंसाने की साजिश: राष्ट्रीय जनता दल प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि भाजपा पॉलीटिकल वेंडेटा के तहत काम करती है. हमारे नेता लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को लोकसभा चुनाव के पहले फंसाने की साजिश चल रही है, लेकिन जनता हमारे साथ हैं. राजद नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा अपने प्रतिद्वंद्वियों को कमजोर करने के लिए कुछ भी कर सकती है और प्रवर्तन निदेशालय के जरिए गिरफ्तार करने की षड्यंत्र चल रही है.
दोषी पाए जाएंगे तो गिरफ्तार भी होगी: भाजपा प्रवक्ता योगेंद्र पासवान ने कहा है कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने घोटाला किया है. अगर वह दोषी पाएंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी भाजपा किसी के खिलाफ कोई साजिश नहीं करती है. कार्यवाही जांच के आधार पर होती है. अगर दोषी पाए जाएंगे तो गिरफ्तार भी हो सकते हैं.
ईडी बुलाकर भी करती है गिरफ्तार: पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय भ्रष्टाचार के मामले में जांच कर रही है. कई बार समन देकर पूछताछ के लिए बुलाया जाता है और फिर गिरफ्तार कर लिया जाता है. मनीष सिसोदिया के केस में भी यही हुआ था. दोनों नेताओं को इसलिए अलग-अलग बुलाया गया है कि पूछताछ के बाद अगर अलग-अलग तथ्य सामने आते हैं तो वैसे स्थिति में कार्रवाई आसान हो जाएगी.
लैंड फॉर जॉब स्कैम में 17 आरोपी : बता दें कि लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित कुल 17 लोग आरोपित हैं. साथ ही लालू, राबड़ी और तेजस्वी यादव सहित सभी आरोपित मामले में जमानत पर हैं. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई ने इसी मामले में जुलाई माह में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया था. इसके बाद अक्टूबर माह में तेजस्वी यादव को कोर्ट में पेश होकर जमानत लेने पड़ी. इसके अलावा अन्य आरोपितों को भी कोर्ट ने जमानत दे दी थी.
क्या है मामला ? : उल्लेखनीय है कि लैंड फॉर जॉब घोटाला उस समय का है, जब वर्ष 2004 से 2009 के दौरान लालू प्रसाद यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे. सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में जमीन लेकर लोगों को नौकरी देने के मामले में एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की थी, जिसमें अब एक चार्जशीट और दो सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल होने के बाद सुनवाई चल रही है. इसमें कई बार लालू और राबड़ी कोर्ट में पेश हो चुके हैं.
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