पटना: राजद के संस्थापक लालू प्रसाद को राष्ट्रीय जनता दल का अध्यक्ष चुन लिया गया है. राष्ट्रीय जनता दल के सांगठनिक सत्र 2022-2025 के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर लालू प्रसाद निर्विरोध निर्वाचित घोषित (RJD Presidential Election) किए गए. लालू के निर्वाचन के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ( Lalan Singh On Lalu Yadav ) ने कहा लालू प्रसाद यादव एक वरीय नेता हैं और महागठबंधन एकजुट है. महागठबंधन 40 में से 40 सीट जीतेगी.
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ललन सिंह ने लालू यादव की जमकर की तारीफ: ललन सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद यादव अस्वस्थ हैं लेकिन हमेशा महागठबंधन को लालू प्रसाद यादव का मार्गदर्शन मिलता रहेगा. लोकसभा चुनाव महागठबंधन पूरी ताकत से लड़ेगी और 40 में से 40 सीट जीतेगी. एनडीए सरकार में ललन सिंह, लालू प्रसाद यादव के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलते रहे हैं. इससे पहले लालू को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान मिलने पर निशाना भी साधा है और परिवारिक पार्टी बताते रहे हैं लेकिन अब एनडीए से बाहर हैं और महागठबंधन के साथ हैं इसलिए लालू प्रसाद यादव की तारीफ कर रहे हैं.
"महागठबंधन पूरी तरह से मजबूत है. लालू जी वरीय नेता हैं. वे अस्वस्थ हैं लेकिन उनका मार्ग दर्शन मिलता रहेगा. महागठबंधन पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी और 40 में से 40 सीट जीतेगी."- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू
RJD अध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध चुने गए लालू यादव: पार्टी के सहायक राष्ट्रीय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी चित्तरंजन गगन ने बताया कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एक मात्र उम्मीदवार निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा नई दिल्ली स्थित राजद के राष्ट्रीय कार्यालय में राष्ट्रीय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी उदय नारायण चौधरी एवं सहायक राष्ट्रीय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी चित्तरंजन गगन के समक्ष पांच सेटों में नामांकन पत्र दाखिल किया गया.
10 अक्टूबर को सौंपा जाएगा प्रमाण पत्र: जांच के बाद पांचों सेटों का नामांकन पत्र वैद्य पाया गया. नामांकन पत्र वापस लेने की अवधि समाप्त होने के पश्चात राष्ट्रीय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के एक मात्र उम्मीदवार लालू प्रसाद को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित होने की अधिसूचना जारी कर दी गई है. आगामी 10 अक्टूबर 2022 को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित नवगठित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में औपचारिक रूप से लालू प्रसाद को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने की घोषणा के साथ ही निर्वाचन सम्बन्धी प्रमाण पत्र सौंपा जाएगा.
प्रस्तावकों के नाम: गगन ने बताया कि लालू प्रसाद के प्रस्तावकों में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, बिहार विधान परिषद के उप सभापति डॉ रामचन्द्र पूर्वे, बिहार प्रदेश राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी, राज्यसभा सांसद डॉ मीसा भारती, प्रेमचन्द गुप्ता, अशफाक करीम, बिहार सरकार के मंत्री तेज प्रताप यादव, आलोक कुमार मेहता, ललित यादव, समीर कुमार महासेठ, चन्द्रशेखर, सुधाकर सिंह, डॉ शमीम, कुमार सर्वजीत, जीतेन्द्र राय, शाहनवाज आलम, सुरेन्द्र राम, मो इसराइल मंसूरी, अनिता देवी शामिल थीं. वहीं देश के दूसरे राज्यों से प्रस्तावकों में महाराष्ट्र राजद अध्यक्ष विजय खंडारे, गुजरात राजद अध्यक्ष असलम मल्लिक, दिल्ली राजद अध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी, केरल राजद अध्यक्ष अन्नु चाको, पंजाब राजद अध्यक्ष विपिन गुप्ता, उत्तर प्रदेश राजद अध्यक्ष अशोक सिंह, मुम्बई राजद अध्यक्ष मो.इकबाल सईद शामिल थे.
इसके अलावा राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव, कांति सिंह, राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक, पूर्व सांसद विधायक राजवंशी महतो, पूर्व सांसद रामकिशोर सिंह, राजनीति प्रसाद, सुरेन्द्र यादव, विधायक सुनील सिंह, रामवृक्ष सदा, कृष्ण मोहन, रेखा देवी ,भरत बिंद, रामबली चन्द्रवंशी, संगीता कुमारी, निरंजन कुमार, मो. फैसल अली, विनय कुमार, सुभाष यादव सहित देश के विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले राष्ट्रीय परिषद के पचास सदस्य शामिल हैं. लालू प्रसाद ने बुधवार को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था. इस मौके पर उनकी सांसद पुत्री डॉक्टर मीसा भारती के अलावा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे.
1997 में आरजेडी का गठनः आपको बताएं कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 5 जुलाई 1997 को जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया था. इन 25 सालों में पार्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखें है. स्थापना के करीब 8 साल सत्ता में रही, उसके बाद से लगातार विपक्ष में ही है. हालांकि इस बीच में साल 2015 से 2017 में नीतीश कुमार की अगुवाई में साझा सरकार चलाने का अवसर जरूर मिला. वहीं मनमोहन सिंह की सरकार में 2004-2009 के दौरान लालू यादव समेत कई सांसद केंद्रीय मंत्री भी थे.
बिहार की सबसे बड़ी पार्टीः 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी 75 सीट लाकर सबसे बड़ी पार्टी बनी. बाद में बोचहां उपचुनाव में जीत और एआईएमआईएम के 4 विधायकों के पाला बदलने के बाद सीटों की संख्या बढ़कर 80 हो गई. हालांकि लालू के जेल में रहने के दौरान 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का खाता भी नहीं खुला था. वहीं राज्यसभा में आरजेडी के 6 सदस्य और विधान परिषद में भी 6 सदस्य हैं. इसके अलावे झारखंड विधानसभा में एक विधायक हैं, जो कि वहां की हेमंत सरकार में मंत्री भी हैं.