पटना: इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस के उपाध्यक्ष और बीजेपी के कल्चरल सेल के संजोयक दया प्रकाश सिन्हा के द्वारा महान सम्राट अशोक पर बीजेपी नेता की टिप्पणी (BJP Leader Statement On Samrat Ashok) को लेकर अब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने नाराजगी जताई है. ललन सिंह ने कहा कि प्रियदर्शी सम्राट अशोक मौर्य अखंड भारत के निर्माता थे. उनके बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल असहनीय और अक्षम्य है. जिस ने भी ऐसा किया है वो व्यक्ति विकृत विचारधारा से प्रेरित हैं. महामहिम राष्ट्रपति, केंद्र सरकार और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मांग करते हैं कि ऐसे व्यक्ति का पद्मश्री वापस लें.
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जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि सम्राट अशोक के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति किसी सम्मान के लायक नहीं है. इनके खिलाफ मोदी सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए, महामहिम राष्ट्रपति से आग्रह करता हूं कि इनका पद्मश्री और सभी अन्य पुरस्कार रदद् करें और बीजेपी इन्हें निष्कासित करें. इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा ने भी दया प्रकाश सिन्हा के बयान पर नाराजगी जतायी थी.
उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी से कार्रवाई की मांग करते हुए कहा था कि जिस प्रकार से अभद्र ढंग से सम्राट अशोक की तुलना की गई है, ऐसे व्यक्ति जिसे कई पुरस्कार मिले हुए हैं, सभी वापस लेना चाहिए. वहीं, बीजेपी नेता के बयान को लेकर महात्मा फुले समता परिषद की ओर से 13 जनवरी को जिला मुख्यालयों पर दया प्रकाश सिन्हा का पुतला फूंकने का भी फैसला लिया गया है. गौरतलब है कि बीजेपी नेता के द्वारा सम्राट अशोक पर टिप्पणी की थी. जिसके बाद जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने उनपर कार्रवाई की मांग की है.
बता दें कि पद्मश्री से सम्मानित दया प्रकाश सिन्हा ने सम्राट अशोक को लेकर विवादित बयान दिया था, जिस पर विवाद पैदा हो गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा था कि सम्राट अशोक क्रूर, कामुक और बदसूरत थे. उन्होंने अशोक को भाई का हत्यारा बताकर उनकी तुलना क्रूर औरंगजेब से कर दी. उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक बेहद बदसूरत और कामुक थे. देश के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में सम्राट अशोक के उजले पक्ष को ही शामिल किया गया है, जबकि उनकी असलियत इससे अलग भी थी. श्रीलंका के तीन बौद्ध ग्रंथों का उन्होंने हवाला देकर ये बयान दिया था.
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