पटना: पिछले 5 दिनों से पुलिस अस्पताल में को वैक्सीनेशन का टीकाकरण बंद है. सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी यहां प्रतिदिन आते हैं और वापस लौट जाते हैं. गांधी मैदान के पास एसएसपी कार्यालय से महज 20 कदमों की दूरी पर स्थित पुलिस अस्पताल में 50 से ज्यादा बेड हैं लेकिन वो भी सुविधाओं के अभाव में बेकार पड़े हैं. और पुलिसवाले कोरोनाकाल में इलाज के लिए इधर से उधर भटक रहे हैं.
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पुलिसकर्मियों को नहीं मिल रहा वैक्सीनेशन
अस्पताल में 50 से ज्यादा बेड होने के बावजूद भी पुलिसकर्मियों का इलाज यहां नहीं हो रहा है. पुलिस मुख्यालय या राज्य सरकार चाहे तो इस अस्पताल को आइसोलेशन सेंटर के रूप में तब्दील कर सकती है. ताकि कोरोनाकाल में जब अस्पतालों में बेड की कमी है तो इस दौरान कम से कम यहां पुलिसकर्मियों, उनके परिवार या आम जनता का इलाज हो सके.
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पुलिस अस्पताल का हाल बेहाल
आपको बता दें कि राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में सरकारी अस्पताल के साथ ही प्राइवेट अस्पताल में भी बेड उपलब्ध नहीं है. ऐसे में पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक सैकड़ों पुलिसकर्मी करोना संक्रमित हो चुके हैं जिनमें से 5 पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है. पिछले वर्ष भी करीब 2400 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हुए थे जिनमें से 24 पुलिसकर्मी को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी.
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'इस भयावह स्थिति में भी पुलिस अस्पताल होने के बावजूद भी पिछले 5 दिनों से टीकाकरण पुलिसकर्मियों को नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में वह अपने कर्तव्यों का पालन कैसे कर पाएंगे.'- श्यामसुंदर भारती, दरोगा, दीदारगंज थाना
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डाटा ऑपरेटर नदारद
पटना के दीदारगंज थाना के दरोगा श्यामसुंदर भारती जब सेकेंड डोज लेने के लिए पुलिस अस्पताल पहुंचे तो डाटा ऑपरेटर के ना रहने की वजह से उनका टीकाकरण नहीं हो पाया. वहीं पटना में तैनात सिपाही विनोद कुमार सेकेंड वैक्सीन के डोज के लिए पुलिस अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं. वह जब पुलिस अस्पताल पहुंचे तो स्टाफ की कमी की वजह से उन्हें कोरोना का दूसरा डोज नहीं दिया गया.
'काफी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है. ड्यूटी छोड़कर बार-बार टीकाकरण के लिए अस्पताल आना पड़ रहा है.'- विनोद कुमार, सिपाही
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'करोना वैक्सीनेशन अस्पताल में मौजूद है लेकिन डाटा ऑपरेटर और अन्य स्टाफ के ना रहने के कारण पुलिसकर्मियों को टीकाकरण की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. अस्पताल के खाली पड़े बेड को पुलिसकर्मियों के इलाज के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा ही लिया जा सकता है.'- समीमउल हक, पुलिस अस्पताल के रिटायर्ड डॉक्टर
इलाज की जरुरत
ऐसे में सवाल हो उठ रहा है कि पुलिसकर्मियों के लिए खुद का अस्पताल होने के बावजूद भी आखिर पुलिसकर्मियों को इधर-उधर भटकना क्यों पड़ रहा है. राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय के द्वारा अहम कदम उठाने पर इस अस्पताल को कोविड अस्पताल में तब्दील किया जा सकता है जिससे भारी संख्या में करोना संक्रमित हो रहे पुलिसकर्मियों का इलाज सुनिश्चित हो पाएगा.
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