पटना: आज भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 135वीं जयंती है. उनका जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गांव में हुआ था. वह अत्यंत दयालु और निर्मल स्वभाव के महान व्यक्ति थे. देश और दुनिया उन्हें एक विनम्र राष्ट्रपति के रूप में उन्हें हमेशा याद करती है.
'सादा जीवन, उच्च विचार' के अपने सिद्धांत का निर्वाह उन्होंने जीवनभर किया. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके जन्मदिन पर ट्वीट कर उन्हें याद किया. आइए जानते हैं उनके बारे में...
-
देश के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। उन्होंने आजादी के आंदोलन में अत्यंत सक्रिय भूमिका निभाई, साथ ही संविधान के निर्माण में भी विशिष्ट योगदान दिया। विनम्रता और विद्वता से भरा उनका व्यक्तित्व देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">देश के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। उन्होंने आजादी के आंदोलन में अत्यंत सक्रिय भूमिका निभाई, साथ ही संविधान के निर्माण में भी विशिष्ट योगदान दिया। विनम्रता और विद्वता से भरा उनका व्यक्तित्व देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 3, 2019देश के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। उन्होंने आजादी के आंदोलन में अत्यंत सक्रिय भूमिका निभाई, साथ ही संविधान के निर्माण में भी विशिष्ट योगदान दिया। विनम्रता और विद्वता से भरा उनका व्यक्तित्व देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 3, 2019
डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जीवन से जुड़ी बड़ी बातें:
⦁ डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 में बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम महादेव सहाय और माता का नाम कमलेरी देवी था.
⦁ राजेंद्र प्रसाद की प्रारंभिक शिक्षा छपरा (बिहार) के जिला स्कूल से हुई. उन्होंने 18 साल की उम्र में कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा प्रथम स्थान से पास की. विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें 30 रुपये की स्कॉलरशिप मिलती थी. साल 1915 में राजेंद्र बाबू ने कानून में मास्टर की डिग्री हासिल की. साथ ही उन्होंने कानून में ही डाक्टरेट भी किया.
⦁ राजेंद्र प्रसाद हमेशा एक अच्छे और समझदार छात्र के रूप में जाने जाते थे. उनकी परीक्षा की आंसर शीट को देखकर एक एग्जामिनर ने कहा था कि 'The Examinee is better than Examiner' यानी 'परीक्षार्थी परीक्षक से बेहतर है'
⦁ महज 13 साल की उम्र में उनका राजवंशी देवी से विवाह हो गया था.
⦁ बिहार के 1934 के भूकंप के समय राजेंद्र प्रसाद जेल में थे. जेल से छूटने के बाद वे भूकंप पीड़ितों के लिए धन जुटाने में तन-मन से जुट गए और उन्होंने वायसराय से तीन गुना ज्यादा धन जुटाया था.
⦁ डाक्टर राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपिता गांधी से बेहद प्रभावित थे, राजेंद्र प्रसाद को ब्रिटिश प्रशासन ने 1931 के 'नमक सत्याग्रह' और 1942 के 'भारत छोड़ो आंदोलन' के दौरान जेल में डाल दिया था.
⦁ आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत को गणतंत्र राष्ट्र का दर्जा मिलने के साथ राजेंद्र प्रसाद देश के प्रथम राष्ट्रपति बने. साल 1957 में वह दोबारा राष्ट्रपति चुने गए. राजेंद्र प्रसाद एकमात्र नेता रहे, जिन्हें 2 बार राष्ट्रपति के लिए चुना गया. 12 साल तक पद पर बने रहने के बाद वे 1962 में राष्ट्रपति पद से हटे.