पटना: आईजीआईएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल ने ब्लैक फंगस (Black Fungus In Bihar) से लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. साथ ही उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से अपील की है कि लोग इस बीमारी को जरा भी नजर अंदाज ना करें. आईजीआईएमएस में फिलहाल 96 ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीजों का इलाज चल रहा है.
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3 प्रकार के होते हैं मरीज
अधीक्षक मनीष मंडल के अनुसार तीन तरह के ब्लैक फंगस के रोगी अस्पताल पहुंच रहे हैं.
- पहला: जिन्हें कोविड हुआ था और वे ठीक होकर घर चले गए लेकिन 15 से 20 दिन के अंदर उन्हें ब्लैक फंगस इंफेक्शन हो रहा है.
- दूसरा: वैसे मरीज होते हैं जो कोविड पॉजिटिव होते हैं. इलाज चल रहा है लेकिन अचानक मरीज को ब्लैक फंगस हो जाता है. ये वैसे मरीज होते है जो घर पर रहकर इलाज कर रहे हैं. और घर पर ही ऑक्सीजन की व्यवस्था किए हुए हैं. जो ऑक्सीजन और पाइप इस्तेमाल किया जाता है उसमें फंगस होने की संभावना ज्यादा होती है.
- तीसरा: वैसे मरीज होते हैं जो अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं. जैसे ब्लड प्रेशर, शूगर, किडनी की बीमारी, टीबी या कैंसर. ऐसे मरीजों की इम्यूनिटी कम रहती है. ज्यादातर ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस ब्रेन तक पहुंच जाता है.
'ज्यादा दिक्कत हो रही है क्योंकि ब्लैक फंगस की जो दवा है वो दो से तीन दिन में मरीज पर असर कर रहा है. लेकिन ब्रेन तक फंगस पहुंचने के कारण मरीजों के पास ज्यादा वक्त नहीं रहता, ऐसे ही मरीजों की मृत्यु हो रही है. लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. ध्यान रखें हाथ धोकर ही मुंह नाक छुएं, पूरी तरह सतर्कता से ही इससे बचा जा सकता है.'- मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस पटना
रखें इन बातों का ख्याल (Black Fungus Symptoms)
अधीक्षक ने बताया कि आम जनता को इस बीमारी के लक्षणों को समझना है और लक्षण दिखाई देते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना है. ब्लैक फंगस के लक्षणों में व्यक्ति के आंख और नाक में दर्द, आंख के चारों ओर लालिमा, नाक का बंद होना, नाक से काला या तरल द्रव्य निकलना, जबड़े की हड्डी में दर्द, चेहरे में एक तरफ सूजन, नाक तालु काले रंग का होना, दांत में दर्द, दातों का ढीला होना, धुंधला दिखाई देना, शरीर में दर्द होना, त्वचा में चकत्ते आना, छाती में दर्द, बुखार आना, सांस की तकलीफ होना, खून की उल्टी व मानसिक स्थिति में परिवर्तन आदि लक्षण दिखाई देते ही तुरंत डॉक्टर से परामर्श (Can black fungus be treated?) लेना चाहिए.
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