पटना: आखिरकार लंबे संघर्ष के बाद शिक्षकों का इंतजार खत्म हुआ. नई शिक्षक नियमावली पर नीतीश कैबिनेट में मुहर लग गई है. शिक्षा विभाग तीन लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों की बहुत जल्द बहाली करने जा रही है. शिक्षक बहाली की नई नियमावली क्या है और इसका अभ्यर्थियों को कैसे फायदा होगा जानें विस्तार से..
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नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली की खास बातें: प्रारंभिक शिक्षकों से लेकर उच्च और माध्यमिक शिक्षकों, लाइबेरियन,लैब अस्सिस्टेंट की बहाली के लिए एक ही नियमावली होगी. बिहार स्थानीय निकाय प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा नियमावली को कैबिनेट ने पास कर दिया है. न्यूनतम आयु 21 वर्ष नियुक्ति के लिए निर्धारित की गई है. 1 जनवरी 2023 के प्रभाव से 38 प्रतिशत के जगह पर अब 42 फीसद महंगाई भत्ता दिया जाएगा. प्रदेश के सरकारी सेवकों, पारिवारिक पेंशन भोगियों और पेंशन भोगियों को इसका लाभ मिलेगा. डीए पर बिहार सरकार 1690 करोड़ खर्च करेगी.
पंचायती राज संस्थाओं को नियुक्ति प्रक्रिया से किया गया अलग: शिक्षक नियोजन की नई नियमावली के तहत पंचायती राज संस्थाओं को नियुक्ति प्रक्रिया से अलग कर दिया गया है. जिले के स्तर पर विषयवार अलग-अलग संवर्ग होंगे. साथ ही सरकार ने शिक्षकों की बहाली में नियोजन इकाई को समाप्त कर दिया है. भर्ती के लिए चयन की अनुसंशा के लिए एक आयोग बनाया जाएगा. प्राधिकृत आयोग शिक्षकों का नियोजन करेगा.
तीन परीक्षा में बैठे पाएंगे अभ्यर्थी: नई नियमावली में अवकाश का प्रावधान है. परीक्षा में सभी तरह के शिक्षक बैठ पाएंगे. अभ्यर्थियों को तीन परीक्षाओं में बैठने का प्रावधान किया गया है. फैसले के अनुसार शिक्षक अब राज्यकर्मी होंगे. तीन परीक्षा पास करने के बाद शिक्षक पूर्ण रूप से राजपत्रित कर्मचारी के कैडर में आएंगे. इस नियमावली में नियोजित शिक्षकों के सरकारी शिक्षक बनाने की मांग पूरी हो गई है.
महिलाओं के लिए पचास फीसदी का आरक्षण: नियमावली में जिला स्तरीय संवर्ग का प्रावधान है. नयी शिक्षक नियमावली के तहत अब जिला स्तर स्थानीय निकाय नियुक्ति प्राधिकार और प्राधिकार गठन, जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को नियोजन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. हेडमास्टर प्रमोशन से नहीं बनेंगे. नई नियमावली में नियोजन इकाईयों की संख्या जिलों की संख्या के बराबर होगी. यानी कि 38 नियोजन इकाईयां रह गई हैं. पुराने नियमावली के तहत ये 9222 थी. सभी विषयों में महिलाओं के लिए पचास फीसदी का आरक्षण किया गया है. जिला या प्रखंड स्तर पर नियोजन इकाई का प्रावधान नहीं है.