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'केके पाठक ने शिक्षा विभाग में अराजकता फैला रखी है, मुख्यमंत्री तोड़ें चुप्पी'- सुशील मोदी - सुशील मोदी का केके पाठक पर हमला

KK Pathak : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक सुर्खियों में हैं. शिक्षकों को संघ बनाने एवं उसमें शामिल होने से रोक लगा दी है. इस पर सुशील मोदी ने केके पाठक पर हमला करते हुए कहा कि उनके मुंह से निकला शब्द ही कानून है. मुख्यमंत्री से इस मामले पर चुप्पी तोड़ने की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर..

सुशील मोदी
सुशील मोदी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 1, 2023, 11:00 PM IST

पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पूरी अराजकता फैला रखी है. उनके लिए नियम और मान्य प्रक्रिया का कोई मायने नहीं. बल्कि मुख से निकले शब्द ही कानून हैं. यह कहना है पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का. उन्होंने ने कहा कि सैंकड़ों लोगों को तरह-तरह के आरोप में नोटिस दिये गए. शिक्षकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है. मुख्यमंत्री पूरे प्रकरण पर चुप्पी साधे हुए हैं.

"शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के कारण विभाग में अराजक स्थिति पैदा हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब अपनी चुप्पी तोड़े."- सुशील मोदी, राज्यसभा सदस्य, भाजपा

अधिक संख्या में रिजल्ट जारी करे बीपीएससीः बिहार में 1 लाख 22 हजार शिक्षक बीपीएससी की परीक्षा में पास हुए हैं, लेकिन हजारों की संख्या में शिक्षकों ने योगदान नहीं दिया. इसको लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षकों के खाली रह गए पदों पर नियुक्ति के लिए बीपीएससी को 4700 की जगह 40 हजार से अधिक पदों के लिए पूरक परिणाम जारी करने चाहिए, ताकि अभ्यर्थियों को नियुक्ति के तीसरे चरण की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़े.



बिहार के 40 हजार युवा को ही मिली नौकरी: सुशील मोदी ने कहा कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के पहले चरण में सरकार ने भले ही 1.22 लाख नियुक्ति पत्र बांटने का ढोल पीटा, वास्तव में मात्र 88 हजार शिक्षकों ने योगदान किया. इनमें भी बिहार के युवा मात्र 40 हजार हैं. सुशील मोदी ने कहा कि 32,336 चयनित शिक्षकों ने योगदान नहीं किया. जिन 28,800 नियोजित शिक्षकों को बीपीएससी परीक्षा पास करने पर नियुक्ति मिली, उनके पद भी खाली हो जाएंगे. इस तरह 41 हजार 136 पदों पर नियुक्ति की आवश्यकता पड़ेगी.

पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पूरी अराजकता फैला रखी है. उनके लिए नियम और मान्य प्रक्रिया का कोई मायने नहीं. बल्कि मुख से निकले शब्द ही कानून हैं. यह कहना है पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का. उन्होंने ने कहा कि सैंकड़ों लोगों को तरह-तरह के आरोप में नोटिस दिये गए. शिक्षकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है. मुख्यमंत्री पूरे प्रकरण पर चुप्पी साधे हुए हैं.

"शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के कारण विभाग में अराजक स्थिति पैदा हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब अपनी चुप्पी तोड़े."- सुशील मोदी, राज्यसभा सदस्य, भाजपा

अधिक संख्या में रिजल्ट जारी करे बीपीएससीः बिहार में 1 लाख 22 हजार शिक्षक बीपीएससी की परीक्षा में पास हुए हैं, लेकिन हजारों की संख्या में शिक्षकों ने योगदान नहीं दिया. इसको लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षकों के खाली रह गए पदों पर नियुक्ति के लिए बीपीएससी को 4700 की जगह 40 हजार से अधिक पदों के लिए पूरक परिणाम जारी करने चाहिए, ताकि अभ्यर्थियों को नियुक्ति के तीसरे चरण की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़े.



बिहार के 40 हजार युवा को ही मिली नौकरी: सुशील मोदी ने कहा कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के पहले चरण में सरकार ने भले ही 1.22 लाख नियुक्ति पत्र बांटने का ढोल पीटा, वास्तव में मात्र 88 हजार शिक्षकों ने योगदान किया. इनमें भी बिहार के युवा मात्र 40 हजार हैं. सुशील मोदी ने कहा कि 32,336 चयनित शिक्षकों ने योगदान नहीं किया. जिन 28,800 नियोजित शिक्षकों को बीपीएससी परीक्षा पास करने पर नियुक्ति मिली, उनके पद भी खाली हो जाएंगे. इस तरह 41 हजार 136 पदों पर नियुक्ति की आवश्यकता पड़ेगी.


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