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केके पाठक के पद का त्याग करने का लेटर दिन भर हुआ वायरल, जानें क्या है टेक्निकल सच्चाई? - KK Pathak

KK Pathak resignation : केके पाठक के वायरल हो रहे पद से त्याग पत्र वाले लेटर से बिहार शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि इस इस्तीफे से कुछ लोग खुश हैं तो कई ऐसे भी कर्मचारी हैं जो इससे दुखी हैं. सवाल ये है कि क्या वाकई में केके पाठक ने इस्तीफा दे दिया है? या फिर यह केके पाठक के खिलाफ कोई विभागीय प्रेशर पॉलिटिक्स है? पढ़ें पूरी खबर-

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 11, 2024, 9:56 PM IST

पटना : गुरुवार को बिहार का शिक्षा विभाग एक बार फिर से सुर्खियों में रहा, इसका कारण बने केके पाठक. दरअसल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के हस्ताक्षर का एक पत्र खूब वायरल हुआ, जिसमें 9 जनवरी को उन्होंने अपर मुख्य सचिव के पद से पद त्याग करने की बात लिखी है.

ये है तकनीकि सच्चाई : जानकारों की माने तो यह कोई पहली बार इस तरह का वाकया नहीं हुआ है. जानकार बताते हैं कि कोई भी वरीय पदाधिकारी जब कभी छुट्टी पर जाते हैं, तो पद त्याग कर जाते हैं ताकि उनकी जगह कोई दूसरा अधिकारी पदभार ग्रहण करके विभागीय कार्यों को कर सके.

विभागीय पॉलिटिक्स का शिकार केके पाठक? : हालांकि इसी बीच शिक्षा विभाग के मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने मीडिया में यह बयान दे दिया कि ''केके पाठक को काम करने में मन नहीं लग रहा था, इसलिए इस्तीफा दे दिया‌ है. इसमें वह कुछ नहीं कर सकते हैं.'' शिक्षा मंत्री के इस बयान ने यह संकेत जरूर दे दिया है कि शिक्षा विभाग में केके पाठक सहज नहीं है.

विभाग में खटपट की खबरें : विभागीय मंत्री और केके पाठक के बीच कभी बनी नहीं है. कई लोग यह भी कह रहे हैं कि 8 जनवरी से केके पाठक छुट्टी पर हैं और 16 जनवरी को जब पटना लौटेंगे तो शिक्षा विभाग में अपने पद को ज्वाइन नहीं करेंगे. लेकिन यह सभी बातें अभी कयास तक ही हैं. विभाग के लोगों का कहना है की केके पाठक ने प्रथम चरण की शिक्षक बहाली को सफलतापूर्वक कराकर शिक्षकों को रिजल्ट के बाद काफी कम समय में प्रशिक्षण देकर योगदान तक कर दिया.

16 जनवरी को होगा खुलासा : अब दूसरे चरण की नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम तय हो गया है, लेकिन अब इन नव नियुक्त शिक्षकों को विद्यालय तक योगदान करना भी विभाग की चुनौती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी चहेत अधिकारियों में केके पाठक की गिनती होती है. ऐसे में केके पाठक का पत्र कितना सच है? क्या वह सचमुच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद छोड़ चुके हैं? यह 16 जनवरी को ही तय होगा जब वह छुट्टी से लौटेंगे.

कुछ मायूस हुए कुछ ने मनाया जश्न : बहरहाल केके पाठक के पद छोड़ने का लेटर जैसे ही वायरल हुआ, कई लोग काफी खुश हुए तो कई लोग काफी दुखी हो गए. काफी संख्या में ऐसे शिक्षक जो पहले समय पर विद्यालय नहीं जाते थे और शैक्षणिक कार्य में रुचि नहीं रखते थे, वह काफी खुश हुए. लेकिन समय पर विद्यालय पहुंचने और बच्चों को पढ़ने में रुचि रखने वाले शिक्षक मायूस हुए. बीपीएससी के माध्यम से जो शिक्षक पहले चरण में बहाल हुए हैं, वह मायूस हुए.

छुट्टी से लौटेंगे तो पदभार ग्रहण करेंगे केके पाठक? : हालांकि अब सभी को 16 जनवरी का इंतजार है कि केके पाठक छुट्टी से लौटने के बाद क्या शिक्षा विभाग में अपन मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करते हैं या नहीं, इस बात का सभी को बेसब्री से इंतजार है.

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पटना : गुरुवार को बिहार का शिक्षा विभाग एक बार फिर से सुर्खियों में रहा, इसका कारण बने केके पाठक. दरअसल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के हस्ताक्षर का एक पत्र खूब वायरल हुआ, जिसमें 9 जनवरी को उन्होंने अपर मुख्य सचिव के पद से पद त्याग करने की बात लिखी है.

ये है तकनीकि सच्चाई : जानकारों की माने तो यह कोई पहली बार इस तरह का वाकया नहीं हुआ है. जानकार बताते हैं कि कोई भी वरीय पदाधिकारी जब कभी छुट्टी पर जाते हैं, तो पद त्याग कर जाते हैं ताकि उनकी जगह कोई दूसरा अधिकारी पदभार ग्रहण करके विभागीय कार्यों को कर सके.

विभागीय पॉलिटिक्स का शिकार केके पाठक? : हालांकि इसी बीच शिक्षा विभाग के मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने मीडिया में यह बयान दे दिया कि ''केके पाठक को काम करने में मन नहीं लग रहा था, इसलिए इस्तीफा दे दिया‌ है. इसमें वह कुछ नहीं कर सकते हैं.'' शिक्षा मंत्री के इस बयान ने यह संकेत जरूर दे दिया है कि शिक्षा विभाग में केके पाठक सहज नहीं है.

विभाग में खटपट की खबरें : विभागीय मंत्री और केके पाठक के बीच कभी बनी नहीं है. कई लोग यह भी कह रहे हैं कि 8 जनवरी से केके पाठक छुट्टी पर हैं और 16 जनवरी को जब पटना लौटेंगे तो शिक्षा विभाग में अपने पद को ज्वाइन नहीं करेंगे. लेकिन यह सभी बातें अभी कयास तक ही हैं. विभाग के लोगों का कहना है की केके पाठक ने प्रथम चरण की शिक्षक बहाली को सफलतापूर्वक कराकर शिक्षकों को रिजल्ट के बाद काफी कम समय में प्रशिक्षण देकर योगदान तक कर दिया.

16 जनवरी को होगा खुलासा : अब दूसरे चरण की नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम तय हो गया है, लेकिन अब इन नव नियुक्त शिक्षकों को विद्यालय तक योगदान करना भी विभाग की चुनौती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी चहेत अधिकारियों में केके पाठक की गिनती होती है. ऐसे में केके पाठक का पत्र कितना सच है? क्या वह सचमुच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद छोड़ चुके हैं? यह 16 जनवरी को ही तय होगा जब वह छुट्टी से लौटेंगे.

कुछ मायूस हुए कुछ ने मनाया जश्न : बहरहाल केके पाठक के पद छोड़ने का लेटर जैसे ही वायरल हुआ, कई लोग काफी खुश हुए तो कई लोग काफी दुखी हो गए. काफी संख्या में ऐसे शिक्षक जो पहले समय पर विद्यालय नहीं जाते थे और शैक्षणिक कार्य में रुचि नहीं रखते थे, वह काफी खुश हुए. लेकिन समय पर विद्यालय पहुंचने और बच्चों को पढ़ने में रुचि रखने वाले शिक्षक मायूस हुए. बीपीएससी के माध्यम से जो शिक्षक पहले चरण में बहाल हुए हैं, वह मायूस हुए.

छुट्टी से लौटेंगे तो पदभार ग्रहण करेंगे केके पाठक? : हालांकि अब सभी को 16 जनवरी का इंतजार है कि केके पाठक छुट्टी से लौटने के बाद क्या शिक्षा विभाग में अपन मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करते हैं या नहीं, इस बात का सभी को बेसब्री से इंतजार है.

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