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पटना: बिहार के शिक्षकों का अवकाश का आवेदन अब व्हाट्सएप पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिला के अधिकारियों को एक पत्र भी लिखा है. जिसमें कहा गया है कि शिक्षक व्हाट्सएप पर छुट्टी का आवेदन देते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा. सभी शिक्षक अपना आवेदन भौतिक रूप में जिला शिक्षा पदाधिकारी को दें.
अब व्हाट्सएप पर छुट्टी का आवेदन नहीं : केके पाठक ने अपने आदेश में कहा कि, ''अनुपस्थित शिक्षक द्वारा व्हाट्सएप पर ही अपना अवकाश का आवेदन भेजा जाता है. यह स्वीकार्य नहीं है. उन्हें अपना अवकाश का आवेदन भौतिक रूप से विद्यालय पहुंचाना चाहिए, ताकि निरीक्षी पदाधिकारी यह देख सकें कि आवेदन किस तारीख को दिया गया है और किस तारीख को स्वीकृत हुआ है. सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को सूचित किया जाए कि किसी भी शिक्षक, अन्य कर्मी, पदाधिकारी का आवेदन व्हाट्सएप पर नहीं लिया करें.''
अब कभी भी स्कूलों का किया जाएगा निरीक्षण : साथ ही केके पाठक ने अपने आदेश में कहा कि स्कूल में अब किसी भी समय निरीक्षण किया जा सकता है. निरीक्षण का समय गोपनीय रखा जाएगा. आदेश में कहा गया है कि जानकारी के अनुसार शिक्षक निरीक्षण के बाद दोपहर 2 बजे से 3 बजे के बीच स्कूल से गायब हो जाते हैं, ऐसे कई मामले सामने आए हैं.
''शिक्षक जानते हैं कि स्कूल का निरीक्षण दिन में एक बार होता है. यानि स्कूल निरीक्षण का समय अब predictable हो गया है. ऐसे में हमें अब निरीक्षण की predictability को देखना होगा और हमें इसे "unpredictable" बनाना होगा. ऐसा करने के लिए आपको निरीक्षण रोस्टर को सुधारना होगा.'' - केके पाठक, अपर मुख्य सचिव
स्कूलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया : केके पाठक के आदेश के मुताबिक, अब स्कूलों को निम्नलिखित तीन श्रेणियों में रखना होगा. जैसे, वैसे स्कूल, जहां निरीक्षण पहली पाली में हो. वह निरीक्षण सुबह 09 से 12 बजे के बीच में हो. वैसे स्कूल, जहां निरीक्षण दूसरी पाली यानि 02 बजे से 05 बजे के बीच में हो और वैसे स्कूल जहां उपरोक्त दोनों पालियों में निरीक्षण हो.
निरीक्षण क्यों, केके पाठक ने बताया : अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अपने आदेश में कहा कि, ऐसा करने के पीछे हमारा मकसद शिक्षकों के बीच यह संदेश जाए, कि हम उनके स्कूल में कभी सुबह की पाली में या कभी दोपहर की पाली में या कभी दोनों पालियों में पहुंच सकते हैं. इसलिए स्कूल के निरीक्षण के रोस्टर को गोपनीय रखना होगा, ताकि कोई शिक्षक यह अनुमान नहीं लगा सके कि उनके विद्यालय का निरीक्षण कब और किस समय होने वाला है.
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