पटना: बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को पटना के बापू सभागार में चौथी कृषि रोड मैप को लेकर किसान समागम का आयोजन (Kisan Samagam organized in Patna) किया गया. इसमें लगभग 5000 की संख्या में प्रदेशभर से किसान पहुंचे. इस कार्यक्रम में प्रत्येक जिला से 2 किसान को मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बातों को रखने के लिए 2 से 3 मिनट का समय दिया गया, लेकिन समय के अभाव में 22 किसान ही अपनी बातों को रख पाए और सरकार को अपनी सलाह दिए.
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पांच घंटे तक चला कृषि समागमः यह कृषि समागम कृषि विभाग को मिलाकर कुल 12 विभागों ने मिलकर आयोजित किया और कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव, लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज समेत दर्जनों मंत्री मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने लगभग 5 घंटे किसानों के बीच बैठकर उनकी आकांक्षाओं को जाना. चौथे कृषि रोड मैप को लेकर आयोजित किसान समागम में कृषि विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में मंच से जानकारी दी कि दलहनी और तिलहनी फसलों के उत्पादन में चौथे कृषि रोड मैप में दिया जाएगा.
फसल विविधिकरण को दिया जाएगा बढ़ावाः फसल विविधिकरण के अंतर्गत धान गेहूं के साथ-साथ मक्का दलहन तिलहन फल और सब्जी के साथ साथ औषधीय पौधों और फूल की खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा. जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए स्थाई कार्यक्रम के रूप में जलवायु अनुकूल कृषि गांव की संख्या को बढ़ाई जाएगी.पौधों में कीट व्याधि के कारण 20 से 30% उत्पादकता में कमी आती है, ऐसे में पौधा संरक्षण के लिए प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप मोड में पौधा संरक्षण सेवा को प्राथमिकता दी जाएगी.
पशु से सुरक्षा के लिए बनेगी पाॅलिसीः कृषि विभाग के सचिव ने कहा कि जंगली पशु से फसल की सुरक्षा के लिए भी पॉलिसी बनाई जाएगी. कृषि बाजार व्यवस्था में सुधार किया जाएगा और सभी 54 बाजार प्रांगण का विकास निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण करने का लक्ष्य रखा जाएगा. राज्य के कृषि निर्यात नीति को क्रियान्वित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार लघु कृषक कृषि व्यापार संघ को कॉर्पस निधि के माध्यम से संस्थागत निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा.
जैविक खेती पर जोरः इसके साथ ही गंगा की अविरलता बनाए रखने के लिए राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ गंगा के दोनों तरफ पड़ने वाले गांव में जैविक कोरिडोर योजना का सुचारू क्रियान्वयन किया जाएगा.कृषि विभाग के सचिव ने कहा कि राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाएगा और इसके लिए मत्स्य पालकों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा साथ ही साथ डेयरी से अधिक से अधिक किसान जुड़े इसके लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके बाद विभिन्न जिला से आए किसानों जो अपने जिला के किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे उनसे चौथे कृषि रोड मैप को लेकर किसान समागम में सलाह मांगे गए. जिलों के किसान चौथे कृषि रोडमैप को लेकर विभिन्न प्रकार के प्रमुख सलाह दिए.
मुख्यमंत्री ने दिखाया हिंदी प्रेमः इन सबके अलावा एक किसान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हिंदी प्रेम को देखते हुए कृषि रोड मैप का नाम बदलकर कृषि पथ मानचित्र करने का सुझाव दिया. बताते चलें कि इससे पहले 2 किसानों के सुझाव के दौरान मुख्यमंत्री बीच में टोक पड़े थे और अंग्रेजी शब्दों के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि किसान लोग हैं, सभी स्थानीय हैं अपनी भाषा में बात करें. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि यह खुशी की बात है कि जब तीसरा कृषि रोडमैप लागू हुआ था तब महागठबंधन की सरकार थी और एक बार फिर से चौथा कृषि रोडमैप की तैयारी चल रही है.
कृषि रोडमैप से किसानों का विकासः तेजस्वी ने कहा कि कृषि रोडमैप से किसानों का बहुत विकास हुआ है और कृषि का भी विकास हुआ है. किसानों के उत्थान को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि काफी लंबे समय से प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके नेतृत्व में लगभग सभी विभाग के मंत्री और सचिव यानी कि पूरा सरकार किसानों के सामने बैठा हुआ है और किसानों से उनकी सलाह सुनी जा रही हैं. किसानों के लिए गए सलाह पर चौथी कृषि रोड मैप में अमल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में महागठबंधन सरकार किसानों के हित में लगातार काम कर रही है और केंद्र सरकार कोई सहयोग नहीं कर रही. बिहार पिछड़ा राज्य है फिर भी ना विशेष राज्य का दर्जा मिल रहा है ना कोई विशेष पैकेज.
"किसानों के उत्थान को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि काफी लंबे समय से प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके नेतृत्व में लगभग सभी विभाग के मंत्री और सचिव यानी कि पूरा सरकार किसानों के सामने बैठा हुआ है और किसानों से उनकी सलाह सुनी जा रही हैं. किसानों के लिए गए सलाह पर चौथी कृषि रोड मैप में अमल किया जाएगा" - तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री
बिहार ने कृषि क्षेत्र में की काफी उन्नतिः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में बिहार में बहुत विकास हुआ है और पिछले 3 कृषि रोडमैप के कारण बिहार में फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. पहले की तुलना में हर कृषि रोड मैप में उत्पादन बढ़ा है. पहले बिहार में कृषि का उत्पादन कितना था सबको पता है और वह कृषि और किसानों का विकास चाहते हैं बिहार में इसीलिए चौथा कृषि रोडमैप लाने का निर्णय किए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सलाह के दौरान कुछ किसानों द्वारा जीविका दीदी के तर्ज पर मदद करने की सलाह पर कहा कि पुरुष किसान अपनी तुलना जीविका दीदी से मत करें क्योंकि वह महिलाओं को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं और महिलाएं यदि आगे बढ़ रहीं हैं तो आप सभी के परिवार का ही भला हो रहा है.
चावल मामले में बिहार आत्मनिर्भरः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहले बिहार में चावल बाहर से आता था और अब बिहार में चावल बाहर से नहीं आता है बल्कि बिहार चावल के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है. मक्का के उत्पादन में बिहार देश में अव्वल है. इन सबके अलावा विभिन्न प्रकार के नए फसलों की खेती को भी बिहार में बढ़ावा दिया जा रहा है. किसानों द्वारा मुफ्त बिजली सिंचाई के लिए दिए जाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि फ्री के चक्कर में ना पड़ें. वह सरकार में काफी महंगी बिजली खरीदकर किसानों के लिए सस्ते दर पर बिजली उपलब्ध करा रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोग बिजली का उपयोग करें दुरूपयोग ना करें.
"कृषि के क्षेत्र में बिहार में बहुत विकास हुआ है और पिछले 3 कृषि रोडमैप के कारण बिहार में फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. पहले की तुलना में हर कृषि रोड मैप में उत्पादन बढ़ा है. पहले बिहार में चावल बाहर से आता था और अब बिहार में चावल बाहर से नहीं आता है बल्कि बिहार चावल के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है. मक्का के उत्पादन में बिहार देश में अव्वल है. इन सबके अलावा विभिन्न प्रकार के नए फसलों की खेती को भी बिहार में बढ़ावा दिया जा रहा है. किसानों द्वारा मुफ्त बिजली सिंचाई के लिए दिए जाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि फ्री के चक्कर में ना पड़ें. वह सरकार में काफी महंगी बिजली खरीदकर किसानों के लिए सस्ते दर पर बिजली उपलब्ध करा रहे हैं" -नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
सभी खेत तक पानी पहुंचाने का लक्ष्यः नीतीश कुमार ने कहा कि उनके नेतृत्व में सरकार का लक्ष्य है कि सभी के खेत तक पानी पहुंचे और यही कोशिश है. ताकि उत्पादन पर आमदनी बढ़े और यह ज्यादा जरूरी है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसानों के लिए यह सरकार जो मदद कर रही है. उसे किसान भूले नहीं. केंद्र की सरकार किसानों को साल में ₹6000 देती है लेकिन यह उन्हीं किसानों को देती है. जिनके पास अपनी जमीन है. नीतीश ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि परिवार में कुछ लोग पढ़ाई लिखाई करके बाहर कमाने चले जाते हैं, लेकिन कुछ लोग खेती किसानी से ही जुड़े रहते हैं. ऐसे में जमीन के लिए कभी झगड़ा ना करें. जमीन के आपसी झगड़े में प्रदेश में काफी मौतें होती हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
सर्वे का काम इस साल पूरा करने का निर्देशः इस मौके पर मंच से ही सीएम नीतीश ने भूमि एवं राजस्व सुधार विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि 2023 तक जमीन के सर्वे का काम पूरा कर लें. इससे पहले उन्होंने सचिव से पूछा कि सर्वे का काम कब तक पूरा हो जाएगा तो उधर से जवाब आया 2024, ऐसे में सीएम नीतीश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमने 2022 का लक्ष्य दिया था, नहीं पूरा हो पाया तो हम आपको 2023 तक का लक्ष्य देते हैं. हर हाल में पूरा कीजिए. सीएम नीतीश ने किसानों से कहा कि जब तक मैं हूं तभी तक आपको बोलूंगा. अब मेरी उम्र 72 साल की हो गई है.
राष्ट्रपति से चौथे कृषिरोडमैप का करवाएंगे उद्घाटनः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंच से ऐलान करते हुए कहा कि बिहार में जब भी कृषि रोडमैप को लागू किया गया है तो उसका उद्घाटन राष्ट्रपति से कराया गया है. चौथे कृषि रोड मैप मार्च तक कंप्लीट कर लेने की बात कही गई है. ऐसे में विभाग से जैसे ही कृषि रोड मैप कंप्लीट होकर उनके पास आएगा. वह राष्ट्रपति को चौथे कृषि रोड मैप के उद्घाटन के लिए निमंत्रित करेंगे . उन्होंने कहा कि कृषि रोडमैप का कुछ लोग विरोध करेंगे और कई लोग बोलेंगे की इसमें कुछ भी नहीं है और मोबाइल पर इधर-उधर मैसेज भेजेंगे लेकिन किसानों को समझना होगा कि कितना काम हो रहा है और ऐसे लोगों के झांसे में नहीं आना है.