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पटना: 285 करोड़ की लागत से कमला तटबंध किया जाएगा ऊंचा, विभाग ने जारी किया टेंडर 

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Published : Aug 11, 2020, 10:07 PM IST

कमला तटबंध को 285 करोड़ की लागत से ऊंचा किया जाएगा. इसको लेकर जल संसाधन विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है. बता दें इसे 2022 तक दुरुस्त करने का लक्ष्य रखा गया है.

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कमला तटबंध को किया जाएगा ऊंचा

पटना: कमला नदी पर बने तटबंध को ऊंचा करने के साथ और मजबूत बनाया जाएगा. मधुबनी में पीपराघट पुल से ठेंगहा पुल तक 80 किलोमीटर की लम्बाई में तटबंध को दुरुस्त करने की योजना पर जल्द काम शुरू होगा. राज्य सरकार ने इसके लिए 285 करोड़ की योजना मंजूर की है.

विभाग ने जारी किया टेंडर
जल संसाधन विभाग ने इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया है. तटबंध को 15 मई 2022 तक दुरुस्त करने का लक्ष्य रखा गया है. जल संसाधन विभाग के टेंडर में कमला नदी के बाएं तटबंध पर 27.10 किलोमीटर से 66.30 किलोमीटर और दाएं तटबंध पर 23.20 किलोमीटर से 64 किलोमीटर तक ऊंचा करना है.

पांच वर्षों तक रखरखाव
इस प्रकार बाएं तटबंध के 39.20 किलोमीटर और दाएं तटबंध के 40.80 किलोमीटर हिस्से, कुल 80 किलोमीटर तटबंध को ऊंचा और सुदृढ़ करना है. टेंडर लेने वाली निर्माण एजेंसी को तटबंध का पांच वर्षों तक रख-रखाव भी करना है.

कई स्थानों पर तटबंध क्षतिग्रस्त
पिछले साल बाढ़ में तटबंध के कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो जाने से बड़े हिस्से में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. कई जगहों पर पानी तटबंध को ओवरटॉप कर बहने भी लगा था. मधुबनी और उसके आस-पास के कई जिलों में तटबंध के जर्जर होने और नीचे रहने के कारण बाढ़ आती रहती है. बाढ़ के कारण हर साल भारी तबाही भी होती है.

पटना: कमला नदी पर बने तटबंध को ऊंचा करने के साथ और मजबूत बनाया जाएगा. मधुबनी में पीपराघट पुल से ठेंगहा पुल तक 80 किलोमीटर की लम्बाई में तटबंध को दुरुस्त करने की योजना पर जल्द काम शुरू होगा. राज्य सरकार ने इसके लिए 285 करोड़ की योजना मंजूर की है.

विभाग ने जारी किया टेंडर
जल संसाधन विभाग ने इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया है. तटबंध को 15 मई 2022 तक दुरुस्त करने का लक्ष्य रखा गया है. जल संसाधन विभाग के टेंडर में कमला नदी के बाएं तटबंध पर 27.10 किलोमीटर से 66.30 किलोमीटर और दाएं तटबंध पर 23.20 किलोमीटर से 64 किलोमीटर तक ऊंचा करना है.

पांच वर्षों तक रखरखाव
इस प्रकार बाएं तटबंध के 39.20 किलोमीटर और दाएं तटबंध के 40.80 किलोमीटर हिस्से, कुल 80 किलोमीटर तटबंध को ऊंचा और सुदृढ़ करना है. टेंडर लेने वाली निर्माण एजेंसी को तटबंध का पांच वर्षों तक रख-रखाव भी करना है.

कई स्थानों पर तटबंध क्षतिग्रस्त
पिछले साल बाढ़ में तटबंध के कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो जाने से बड़े हिस्से में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. कई जगहों पर पानी तटबंध को ओवरटॉप कर बहने भी लगा था. मधुबनी और उसके आस-पास के कई जिलों में तटबंध के जर्जर होने और नीचे रहने के कारण बाढ़ आती रहती है. बाढ़ के कारण हर साल भारी तबाही भी होती है.

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