पटना: पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर हड़ताल खत्म कर काम पर तो लौट आए है. मगर जिस शर्त पर हड़ताल खत्म की गई है उससे सीनियर डॉक्टरों में काफी नाराजगी है. वहीं, फेल हुए छात्रों के मामले की जांच सोमवार से शुरू हो गई है. तीन सदस्यीय समिति इस मामले की जांच करेगी. कमेटी ने छात्रों से लिखित में अपनी बात रखने को कहा है.
गौरतलब है कि 3 दिन पूर्व पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टर हड़ताल कर रहे थे. इससे इलाज करवाने आये कई मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर काम पर लौट आए हैं. वहीं, अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों का कहना है कि क्या पीएमसीएच में कोई छात्र फेल नहीं होगा और अगर फेल होगा तो क्या हर बार विभागाध्यक्ष को हटाया जाएगा. अगर परीक्षा में कोई फेल या पास नहीं होगा तो परीक्षा का मतलब क्या रह जाएगा. साथ ही उनलोगों ने कहा कि जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के दवाब में स्वास्थ्य विभाग ने एक नई परंपरा स्थापित की है. जिससे चिकित्सा शिक्षा ही शक के घेरे में आ गई है.
छात्रों को लिखित में अपनी बात रखने का निर्देश
बतातें चलें कि मामले की जांच के लिए बानाये गए जांच समिति में पीएमसीएच के हड्डी विभाग, मेडिसिन और महिला एवं प्रसूति विभाग की अध्यक्ष को शामिल किया गया है. वहीं, जांच समिति के अपील के बाद समिति के समक्ष हड्डी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ विजय कुमार उपस्थित हुए. कमेटी ने फेल हुए छात्रों को अपनी बात लिखित में रखने का निर्देश दिया था. लेकिन छात्रों ने लिखित में अपनी बात नहीं रखी. इसके बाद पीएमसीएच के प्रचार्य ने छात्रों को मंगलवार को 10 बजे तक कमेटी के समक्ष अपनी बात रखने का निर्देश दिया. प्रचार्य ने कहा कि अगर निर्धारित अवधि तक छात्र अपनी बात लिखित में नहीं देते हैं तो कमेटी आगे की कार्रवाई शुरू कर देगी.