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NMCH के जूनियर डॉक्टरों ने OPD सेवा की ठप, कहा- साजिश से हमें फेल किया गया, अब कोई सुनता नहीं - MBBS students protest

NMCH के जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार को ओपीडी सेवाओं को ठप कर प्रदर्शन किया. एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के छात्रों ने बताया कि उन्हें साजिश के तहत परीक्षा में फेल कर दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

OPD सेवा किया ठप,
OPD सेवा किया ठप,
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Published : Sep 13, 2021, 5:19 PM IST

पटनाः पटनासिटी के अगमकुआं स्थित NMCH अस्पताल के MBBS फर्स्ट ईयर की परीक्षा में फेल होने के विरोध में एकजुट होकर जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार को अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा. छात्रों ने हाथों में तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल की ओपीडी सेवा को भी बंद कर दिया.

इसे भी पढ़ें- PMCH में MBBS छात्रों ने जमकर किया हंगामा, OPD में जड़ा ताला

ओपीडी सेवा के बंद होने से इलाज ठप पड़ गया. इससे अस्पताल में दूर-दराज से इलाज कराने आए मरीजों का इलाज कराने आए परिजन भटकते रहे. हंगामा कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि साजिश के तहत छात्रों को फेल किया गया है. इस पर अस्पताल के अधीक्षक से लेकर प्रिंसिपल, प्रधानसचिव से भी हमने जवाब मांगा है लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला.

देखें वीडियो

प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर ने पूरे मामले को समझाते हुए कहा कि 31 अगस्त को बिहार में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों की परीक्षा हुई, जिसमें पूरे बिहार के करीब 450 बच्चे फेल हो गए. यह बिहार के इतिहास में पहली बार हुआ है कि इतनी संख्या में बच्चों को फेल किया गया है.

इसे भी पढ़ें-हॉस्टल की अधीक्षिका को हटाने के लिए छात्राओं का प्रदर्शन, लगाया मानसिक प्रताड़ना का आरोप

उन्होंने आगे बताया कि इस बावत हमने आरटीआई के माध्यम से अपनी कॉपियां निकलवाई जिसमें जांच में कई तरह की गड़बड़ियां पाई गई. जब कॉपी के देखा गया तो हमलोगों ने देखा कि हमारे वैकल्पिक प्रश्नों के जवाब सही थे पर हमें जवाब नहीं दिया है.

वहीं, आगे उन्होंने बताया कि उत्तरों में सही के निशान लगाने के बाद भी हमें उसके अंक नहीं दिए गए हैं. साजिश के तहत 2, 4 और 6 नंबरों से हमें फेल कर दिया गया. इसके बाद इसकी शिकायत को लेकर हमने परीक्षा नियंत्रक से मुलाकात की लेकिन उन्होंने गाली-गलौज करके भगा दिया. फिर वीसी से हमने मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन यह प्रयास असफल रहा .

इसे भी पढ़ें- कैमूर में सफाई कर्मियों ने तीसरे दिन निकाला विरोध मार्च, सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी

जूनियर डॉक्टर एमबीबीएस की कड़ी परीक्षा के बारे में बात करते हुए ईटीवी भारत को बताया कि काफी मेहनत के बाद हमारा इसमें चयन होता है, और यूं ही हमें फेल कर दिया जाता है. प्रिंसिपल ने भी इस मामले में हाथ बंधे होने की बात कही है. डॉक्टरों ने कहा कि अब जब कभी सप्लीमेंट्री एग्जाम भी होती है और उसमें भी फेल कर दिया गया तो हमारा तो कैयियर ही चौपट हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि जिस तरह से बीते शनिवार को पीएमसीएच में ओपीडी सेवाएं बंद थी, उसी तरह हमने भी हड़ताल करने का काम किया है. हम अब अपनी मांगों को राज्यपाल व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के समक्ष मांगों को रखेंगे.

पटनाः पटनासिटी के अगमकुआं स्थित NMCH अस्पताल के MBBS फर्स्ट ईयर की परीक्षा में फेल होने के विरोध में एकजुट होकर जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार को अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा. छात्रों ने हाथों में तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल की ओपीडी सेवा को भी बंद कर दिया.

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ओपीडी सेवा के बंद होने से इलाज ठप पड़ गया. इससे अस्पताल में दूर-दराज से इलाज कराने आए मरीजों का इलाज कराने आए परिजन भटकते रहे. हंगामा कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि साजिश के तहत छात्रों को फेल किया गया है. इस पर अस्पताल के अधीक्षक से लेकर प्रिंसिपल, प्रधानसचिव से भी हमने जवाब मांगा है लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला.

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प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर ने पूरे मामले को समझाते हुए कहा कि 31 अगस्त को बिहार में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों की परीक्षा हुई, जिसमें पूरे बिहार के करीब 450 बच्चे फेल हो गए. यह बिहार के इतिहास में पहली बार हुआ है कि इतनी संख्या में बच्चों को फेल किया गया है.

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उन्होंने आगे बताया कि इस बावत हमने आरटीआई के माध्यम से अपनी कॉपियां निकलवाई जिसमें जांच में कई तरह की गड़बड़ियां पाई गई. जब कॉपी के देखा गया तो हमलोगों ने देखा कि हमारे वैकल्पिक प्रश्नों के जवाब सही थे पर हमें जवाब नहीं दिया है.

वहीं, आगे उन्होंने बताया कि उत्तरों में सही के निशान लगाने के बाद भी हमें उसके अंक नहीं दिए गए हैं. साजिश के तहत 2, 4 और 6 नंबरों से हमें फेल कर दिया गया. इसके बाद इसकी शिकायत को लेकर हमने परीक्षा नियंत्रक से मुलाकात की लेकिन उन्होंने गाली-गलौज करके भगा दिया. फिर वीसी से हमने मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन यह प्रयास असफल रहा .

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जूनियर डॉक्टर एमबीबीएस की कड़ी परीक्षा के बारे में बात करते हुए ईटीवी भारत को बताया कि काफी मेहनत के बाद हमारा इसमें चयन होता है, और यूं ही हमें फेल कर दिया जाता है. प्रिंसिपल ने भी इस मामले में हाथ बंधे होने की बात कही है. डॉक्टरों ने कहा कि अब जब कभी सप्लीमेंट्री एग्जाम भी होती है और उसमें भी फेल कर दिया गया तो हमारा तो कैयियर ही चौपट हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि जिस तरह से बीते शनिवार को पीएमसीएच में ओपीडी सेवाएं बंद थी, उसी तरह हमने भी हड़ताल करने का काम किया है. हम अब अपनी मांगों को राज्यपाल व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के समक्ष मांगों को रखेंगे.

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