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पटना से इन राज्यों का सफर अब होगा आसान, पथ निर्माण विभाग की ये है योजना

बिहार पथ निर्माण विभाग दिल्ली, कोलकाता और बनारस के साथ कई राज्यों से सड़क मार्ग से बिहार के प्रमुख शहरों को जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है. साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेस (Purvanchal Express) को बिहार से जोड़ने पर काम हो रहा है. इससे दिल्ली जाना आसान होगा. पढ़ें पूरी खबर

Bihar Road Construction Department
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Published : Aug 19, 2021, 7:48 PM IST

पटना: राजधानी पटना को कोलकाता, दिल्ली और यूपी के साथ ही झारखंड के कई शहरों से जोड़ने की योजनाओं पर बिहार पथ निर्माण विभाग (Bihar Road Construction Department) काम कर रहा है. पूर्वांचल एक्सप्रेस (Purvanchal Express) को भी बिहार से जोड़ने पर काम हो रहा है. इससे दिल्ली जाना आसान होगा. वहीं अब पटना कोलकाता एक्सप्रेस वे (Patna Kolkata Expressway) के निर्माण को लेकर सरकार की ओर से पहल की गई है.

यह भी पढ़ें- NH की 4 परियोजनाओं का CM के समक्ष दिया गया प्रेजेंटेशन, दिल्ली, कोलकाता और वाराणसी जाना होगा आसान

वहीं रोहतास के पांडुका में बिहार यूपी और झारखंड को जोड़ने के लिए 210 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण किया जा रहा है. खगड़िया से पूर्णिया के बीच फोरलेन सड़क बनाने की योजना पर भी काम हो रहा है. इसके बनने से बंगाल, असम के साथ पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में भी आना-जाना आसान होगा. बिहार के उद्योगपति भी एक्सप्रेस वे की सोच को अच्छी पहल बताते हुए कह रहे हैं कि इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी.

देखें वीडियो

बिहार सरकार (Bihar Government) की नई सोच आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने वाली है. हालांकि इसके तैयार होने में समय लग सकता है लेकिन यह अच्छी सोच है. हम लोगों की भी मांग रही है कि बिहार को बंदरगाह तक एक्सप्रेस वे बनाना चाहिए. उस दिशा में पटना कोलकाता एक्सप्रेस वे एक बड़ी पहल हो सकती है उसे हल्दिया तक भी बढ़ाया जा सकता है.बड़े शहरों से पटना को जोड़ने से आर्थिक गतिविधियों में इजाफा होगा यह तय है. लेकिन इसमें केंद्र सरकार को भी मदद करनी होगी.- केपीएस केसरी, उद्योगपति और बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष

बिहार की प्रमुख योजनाएं: पटना कोलकाता एक्सप्रेस वे- 470 किलोमीटर की लंबाई में यह सड़क बनेगी और इस पर 17900 रुपये खर्च होंगे. बक्सर से वाराणसी पथ के लिए 2774 करोड़ खर्च किए जाएंगे. बक्सर हैदरिया फोरलेन पूर्वांचल एक्सप्रेस से जोड़ा जाएगा. 17 किलोमीटर लंबी बक्सर हैदरिया पथ के बन जाने से पटना से दिल्ली की दूरी घटकर 10 से 12 घंटे हो जाएगी. अभी 18 से 20 घंटे लगते हैं. वहीं पटना से बक्सर के रास्ते वाराणसी तक सुगम आवागमन के लिए बक्सर चौसा वाराणसी नए फोरलेन एलाइनमेंट पर भी सहमति बन चुकी है. इसका 29 किलोमीटर हिस्सा बिहार में पड़ता है तो 62 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में पड़ता है. इसके बन जाने से पटना से वाराणसी की दूरी मात्र 225 किलोमीटर रह जाएगी, जो पटना मोहनिया वाराणसी की तुलना में लगभग 30 किलोमीटर कम हो जाएगा. वहीं दक्षिण बिहार से दिल्ली के संपर्क के लिए बक्सर, जहानाबाद, बिहार शरीफ के बीच 165 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है और इस पर 4600 करोड़ की राशि खर्च होगी.

बड़ी परियोजनाएं और उन पर खर्च होनेवाली राशि इस प्रकार से हैं.

  • बक्सर हैदरिया- 764 करोड़
  • बक्सर वाराणसी-2776 करोड़
  • पटना कोलकाता एक्सप्रेस वे- 17900 करोड़
  • दक्षिण बिहार से दिल्ली जाने के लिए बक्सर जहानाबाद बिहार शरीफ- 4600 करोड़
  • सुल्तानगंज देवघर हाईवे-3200 करोड़
  • रोहतास के पांडुका में बिहार यूपी झारखंड को जोड़ने के लिए पुल- 210 करोड़

बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Minister Nitin Naveen) ने पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात की थी. भारतमाला योजना के तहत उन्हें 7 परियोजना का प्रस्ताव भी दिया था. उस पर केंद्रीय मंत्री ने सहमति भी जताई थी. और उसमें पटना कोलकाता एक्सप्रेस वे भी शामिल था. उसके अलावा भी कई योजना है.

मुख्यमंत्री की सोच है कि बिहार के किसी भी कोने से लोग पटना जल्द से जल्द पहुंचे, इसकी व्यवस्था की जा रही है. साथ ही प्रयास है कि पटना से बड़े शहरों तक कम समय में पहुंचना संभव हो सके और उसी पर विभाग काम कर रहा है.- नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री, बिहार

बिहार सरकार ने ऐसे तो प्रदेश के सुदूर इलाकों से राजधानी पहुंचने का 5 घंटे का लक्ष्य रखा है लेकिन बिहार में पथ निर्माण विभाग अब राजधानी पटना को और बिहार की प्रमुख शहरों को बड़े शहरों से जोड़ने की भी योजना पर प्राथमिकता से काम कर रहा है. बड़ी योजनाओं को लेकर हाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के सामने प्रेजेंटेशन भी हुआ था.

बिहार के पहले एक्सप्रेस वे आमस से दरभंगा तक पर भी काम हो रहा है. जो नेपाल तक जाएगा. इन सबका असर बिहार में औद्योगिक गतिविधियों पर भी पड़ेगा क्योंकि अभी तक बिहार में निवेश जितना होना चाहिए उतना नहीं हुआ है. विशेषज्ञ भी लगातार कहते रहे हैं कि बिहार को बड़े एक्सप्रेस वे पर काम करना चाहिए और सरकार की सोच भी अब उसी दिशा की ओर संकेत दे रही है.

यह भी पढ़ें- CAG रिपोर्ट पर मंत्री नितिन नवीन ने दी सफाई- कहा, इंडो-नेपाल सड़क का मामला पथ निर्माण विभाग का नहीं

यह भी पढ़ें- जल्द बदलेगी राजधानी पटना की सूरत, इन योजनाओं से स्मार्ट होगी सिटी

पटना: राजधानी पटना को कोलकाता, दिल्ली और यूपी के साथ ही झारखंड के कई शहरों से जोड़ने की योजनाओं पर बिहार पथ निर्माण विभाग (Bihar Road Construction Department) काम कर रहा है. पूर्वांचल एक्सप्रेस (Purvanchal Express) को भी बिहार से जोड़ने पर काम हो रहा है. इससे दिल्ली जाना आसान होगा. वहीं अब पटना कोलकाता एक्सप्रेस वे (Patna Kolkata Expressway) के निर्माण को लेकर सरकार की ओर से पहल की गई है.

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वहीं रोहतास के पांडुका में बिहार यूपी और झारखंड को जोड़ने के लिए 210 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण किया जा रहा है. खगड़िया से पूर्णिया के बीच फोरलेन सड़क बनाने की योजना पर भी काम हो रहा है. इसके बनने से बंगाल, असम के साथ पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में भी आना-जाना आसान होगा. बिहार के उद्योगपति भी एक्सप्रेस वे की सोच को अच्छी पहल बताते हुए कह रहे हैं कि इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी.

देखें वीडियो

बिहार सरकार (Bihar Government) की नई सोच आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने वाली है. हालांकि इसके तैयार होने में समय लग सकता है लेकिन यह अच्छी सोच है. हम लोगों की भी मांग रही है कि बिहार को बंदरगाह तक एक्सप्रेस वे बनाना चाहिए. उस दिशा में पटना कोलकाता एक्सप्रेस वे एक बड़ी पहल हो सकती है उसे हल्दिया तक भी बढ़ाया जा सकता है.बड़े शहरों से पटना को जोड़ने से आर्थिक गतिविधियों में इजाफा होगा यह तय है. लेकिन इसमें केंद्र सरकार को भी मदद करनी होगी.- केपीएस केसरी, उद्योगपति और बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष

बिहार की प्रमुख योजनाएं: पटना कोलकाता एक्सप्रेस वे- 470 किलोमीटर की लंबाई में यह सड़क बनेगी और इस पर 17900 रुपये खर्च होंगे. बक्सर से वाराणसी पथ के लिए 2774 करोड़ खर्च किए जाएंगे. बक्सर हैदरिया फोरलेन पूर्वांचल एक्सप्रेस से जोड़ा जाएगा. 17 किलोमीटर लंबी बक्सर हैदरिया पथ के बन जाने से पटना से दिल्ली की दूरी घटकर 10 से 12 घंटे हो जाएगी. अभी 18 से 20 घंटे लगते हैं. वहीं पटना से बक्सर के रास्ते वाराणसी तक सुगम आवागमन के लिए बक्सर चौसा वाराणसी नए फोरलेन एलाइनमेंट पर भी सहमति बन चुकी है. इसका 29 किलोमीटर हिस्सा बिहार में पड़ता है तो 62 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में पड़ता है. इसके बन जाने से पटना से वाराणसी की दूरी मात्र 225 किलोमीटर रह जाएगी, जो पटना मोहनिया वाराणसी की तुलना में लगभग 30 किलोमीटर कम हो जाएगा. वहीं दक्षिण बिहार से दिल्ली के संपर्क के लिए बक्सर, जहानाबाद, बिहार शरीफ के बीच 165 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है और इस पर 4600 करोड़ की राशि खर्च होगी.

बड़ी परियोजनाएं और उन पर खर्च होनेवाली राशि इस प्रकार से हैं.

  • बक्सर हैदरिया- 764 करोड़
  • बक्सर वाराणसी-2776 करोड़
  • पटना कोलकाता एक्सप्रेस वे- 17900 करोड़
  • दक्षिण बिहार से दिल्ली जाने के लिए बक्सर जहानाबाद बिहार शरीफ- 4600 करोड़
  • सुल्तानगंज देवघर हाईवे-3200 करोड़
  • रोहतास के पांडुका में बिहार यूपी झारखंड को जोड़ने के लिए पुल- 210 करोड़

बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Minister Nitin Naveen) ने पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात की थी. भारतमाला योजना के तहत उन्हें 7 परियोजना का प्रस्ताव भी दिया था. उस पर केंद्रीय मंत्री ने सहमति भी जताई थी. और उसमें पटना कोलकाता एक्सप्रेस वे भी शामिल था. उसके अलावा भी कई योजना है.

मुख्यमंत्री की सोच है कि बिहार के किसी भी कोने से लोग पटना जल्द से जल्द पहुंचे, इसकी व्यवस्था की जा रही है. साथ ही प्रयास है कि पटना से बड़े शहरों तक कम समय में पहुंचना संभव हो सके और उसी पर विभाग काम कर रहा है.- नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री, बिहार

बिहार सरकार ने ऐसे तो प्रदेश के सुदूर इलाकों से राजधानी पहुंचने का 5 घंटे का लक्ष्य रखा है लेकिन बिहार में पथ निर्माण विभाग अब राजधानी पटना को और बिहार की प्रमुख शहरों को बड़े शहरों से जोड़ने की भी योजना पर प्राथमिकता से काम कर रहा है. बड़ी योजनाओं को लेकर हाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के सामने प्रेजेंटेशन भी हुआ था.

बिहार के पहले एक्सप्रेस वे आमस से दरभंगा तक पर भी काम हो रहा है. जो नेपाल तक जाएगा. इन सबका असर बिहार में औद्योगिक गतिविधियों पर भी पड़ेगा क्योंकि अभी तक बिहार में निवेश जितना होना चाहिए उतना नहीं हुआ है. विशेषज्ञ भी लगातार कहते रहे हैं कि बिहार को बड़े एक्सप्रेस वे पर काम करना चाहिए और सरकार की सोच भी अब उसी दिशा की ओर संकेत दे रही है.

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