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आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री पर नौकरी करने का मामला आया सामने, FIR दर्ज

मगध विश्वविद्यालय और सिक्किम मणिपाल से ली हुई डिग्रियों की जांच की गई तो सभी यूनिवर्सिटी ने अपनी जांच में उसे अवैध बताया.

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Published : Sep 3, 2019, 9:28 PM IST

पटना: आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि पिछले 6 सालों से अजय प्रताप नाम का एक शख्स विश्वविद्यालय में इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेजेस के पद पर नौकरी कर रहा है. उसकी डि्ग्रियां अवैध हैं. इसका खुलासा तब हुआ जब दूसरे व्यक्ति संतोष कुमार ने उसके खिलाफ जांच की मांग की.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

मगध विश्वविद्यालय और सिक्किम मणिपाल से ली हुई डिग्रियों की जांच की गई तो सभी यूनिवर्सिटी ने अपनी जांच में उसे अवैध बताया. मगध यूनिवर्सिटी से एमएससी मैथ्स की सर्टिफिकेट में रजिस्ट्रेशन नंबर 3102 अंकित है जो दरअसल अजय प्रताप की नहीं बल्कि किसी राजीव रंजन के नाम पर है.

patna
डिग्री

कुलपति ने दर्ज करवाई FIR
पूरे मामले में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति ने स्थानीय थाना जक्कनपुर में फर्जीवाड़े का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करवाई है. इसके बावजूद अभी तक न उसे यूनिवर्सिटी से पदमुक्त किया गया है और न ही वेतन रोकने का आदेश दिया गया है.

patna
फर्जी डिग्री की प्रति

कोर्ट में पहुंचा मामला
इसको लेकर शिकायतकर्ता संतोष ने हाईकोर्ट की शरण ली है. शिकायतकर्ता ने कोर्ट को पूरे मामले से अवगत करवाते हुए कार्रवाई की मांग की है. वहीं, हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए अगले 24 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख दी है. साथ ही, यूनिवर्सिटी को भी नोटिस भेजा है.

patna
फर्जी डिग्री की प्रति
6 सालों तक देता रहा चकमागौरतलब है कि आरोपी अजय प्रताप पिछले 6 वर्षों से इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेजेस के पद पर कार्यरत था. 2 साल रजिस्ट्रार के पद पर भी कार्यरत रहा. इसके बावजूद किसी को भनक नहीं लगी. अब मामला सामने आने के बाद भी विश्वविद्यालय की ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. इससे शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

पटना: आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि पिछले 6 सालों से अजय प्रताप नाम का एक शख्स विश्वविद्यालय में इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेजेस के पद पर नौकरी कर रहा है. उसकी डि्ग्रियां अवैध हैं. इसका खुलासा तब हुआ जब दूसरे व्यक्ति संतोष कुमार ने उसके खिलाफ जांच की मांग की.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

मगध विश्वविद्यालय और सिक्किम मणिपाल से ली हुई डिग्रियों की जांच की गई तो सभी यूनिवर्सिटी ने अपनी जांच में उसे अवैध बताया. मगध यूनिवर्सिटी से एमएससी मैथ्स की सर्टिफिकेट में रजिस्ट्रेशन नंबर 3102 अंकित है जो दरअसल अजय प्रताप की नहीं बल्कि किसी राजीव रंजन के नाम पर है.

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डिग्री

कुलपति ने दर्ज करवाई FIR
पूरे मामले में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति ने स्थानीय थाना जक्कनपुर में फर्जीवाड़े का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करवाई है. इसके बावजूद अभी तक न उसे यूनिवर्सिटी से पदमुक्त किया गया है और न ही वेतन रोकने का आदेश दिया गया है.

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फर्जी डिग्री की प्रति

कोर्ट में पहुंचा मामला
इसको लेकर शिकायतकर्ता संतोष ने हाईकोर्ट की शरण ली है. शिकायतकर्ता ने कोर्ट को पूरे मामले से अवगत करवाते हुए कार्रवाई की मांग की है. वहीं, हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए अगले 24 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख दी है. साथ ही, यूनिवर्सिटी को भी नोटिस भेजा है.

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फर्जी डिग्री की प्रति
6 सालों तक देता रहा चकमागौरतलब है कि आरोपी अजय प्रताप पिछले 6 वर्षों से इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेजेस के पद पर कार्यरत था. 2 साल रजिस्ट्रार के पद पर भी कार्यरत रहा. इसके बावजूद किसी को भनक नहीं लगी. अब मामला सामने आने के बाद भी विश्वविद्यालय की ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. इससे शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
Intro:आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया है,
फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले पर सरकार मेहरबान क्यों महज एफआईआर होने के सिवाय अब तक नहीं हुई कोई ठोस कार्रवाई


Body:छात्राओं को मेडिकल और इंजीनियरिंग की डिग्री देने वाले आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय मे खुद के पदाधिकारी कि डिग्री फर्जी होने का मामला प्रकाश मे आया है,इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेज के पद पर कार्यरत अजय प्रताप पर फर्जी डिग्री पर नौकरी करने का मामला है,


मामला आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने का है, बताया जाता है कि पिछले 6 सालों से एक शख्स जिसका नाम अजय प्रताप बताया जाता है वह आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में इस्पेक्टर ऑफ कॉलेजेस के पद पर नौकरी कर रहा है जिसकी डिग्रियां अवैध है इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक व्यक्ति संतोष कुमार ने उसके खिलाफ जांच की मांग की और मगध विश्वविद्यालय और सिक्किम मणिपाल से ली हुई डिग्रियों की जांच की गई तो सभी यूनिवर्सिटी ने अपनी जांच में उसे अवैध डिग्री बताई, मगध विश्वविद्यालय से एमएससी मैथ के सर्टिफिकेट में रजिस्ट्रेशन नंबर 3102 अंकित है जो वह अजय प्रताप की नहीं बल्कि किसी राजीव रंजन के नाम पर सर्टिफिकेट था, फिलहाल इस पूरे मामले में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा स्थानीय थाना जक्कनपुर में फर्जीवाड़ा करने का एफआईआर दर्ज कर दिया गया है
बावजूद अभी तक ना उसे यूनिवर्सिटी से पद मुक्त किया गया है, और ना ही उसके वेतन रोक का आदेश निकाला गया है, जिसको लेकर शिकायतकर्ता संतोष ने हाईकोर्ट की शरण ली है और हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है जहां पर कोर्ट को पूरे मामले से अवगत करवाते हुए कार्यवाही की मांग की है, वहीं हाईकोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए अगले 24 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख दी है और यूनिवर्सिटी को नोटिस दिया है


Conclusion:गौरतलब है कि आरोपी अजय प्रताप जो मगध विश्वविद्यालय से एमएससी मैथमेटिक्स का सर्टिफिकेट लगाकर और सिक्किम मणिपाल का सर्टिफिकेट लगाकर फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहा था, पिछले 6 वर्ष से आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में इंस्पेक्टर ऑफ़ कॉलेजेस के पद पर कार्यरत था, यहां तक कि 2 साल रजिस्ट्रार के पद पर भी कार्यरत रहा है, जो यह शिक्षा विभाग के उन तमाम दावों के लिए आईना है, जो यह दावे करती है कि हर विभाग में पारदर्शिता लाई जाएगी वहीं एक शख्स की फर्जी डिग्री पर नौकरी करना अपने आप में एक अहम सवाल है
बहरहाल फर्जी डिग्री की बात का खुलासा होने के बावजूद भी उस पर शिक्षा विभाग क्यों मेहरबान हैं, आखिर सरकार उस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही हैं, ऐसे में अब देखना यह होगा कि हाईकोर्ट का इस मामले पर क्या रुख अख्तियार होता है, हालांकि इस पूरे मामले में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति से बात नहीं हो पाई लेकिन सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिली है कि वह इस मामले में कुछ नहीं बोल पा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने साफ कहा है कि उनकी नियुक्ति उनके समय का नहीं है


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संतोष कुमार, याचिकाकर्ता
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