पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) जातीय जनगणना (Caste Census) के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मिलने के बाद बुधवार को पटना पहुंचे. पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने हमलोगों की बातों को अच्छी तरह से सुना और समझा है.
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इस दौरान जीतन राम मांझी ने कहा कि जिस तरह से एकजुटता हम लोगों ने जाति जनगणना के मुद्दे पर दिखाई है. इससे स्पष्ट है कि कहीं ना कहीं इसका असर जरूर केंद्र सरकार पर पड़ेगा.
हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री जी जरूर बिहार में जातीय जनगणना करवाएंगे. प्रधानमंत्री के सामने सभी लोगों ने एक दूसरे की हां से हां मिलाया था. वहां तो किसी ने कुछ नहीं बोला था. अब कहां क्या बोलते हैं, हम कुछ नहीं कर सकते.- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने निजीकरण को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हम लोग शुरू से ही किसी भी चीज का निजीकरण करने का विरोध करते रहे हैं क्योंकि निजी क्षेत्र में आरक्षण अभी तक लागू नहीं है. अगर बिना आरक्षण के किसी भी सेक्टर का निजी कर दिया जाता है तो यह गलत है. हमारी पार्टी इसका विरोध करती रहेगी.
इससे पहले मंगलवार को भी जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने दिल्ली में कहा था कि सर्वदलीय बैठक के बाद से मुझको तो उम्मीद है कि पीएम मोदी देश में जातीय जनगणना कराएंगे. अगर केंद्र सरकार नहीं कराएगी तो बिहार में नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) इसको कराएं. हम केंद्र के रुख का इंतजार करेंगे. बिहार सहित पूरे देश भर में जातीय जनगणना होनी चाहिए.
बता दें जातीय जनगणना का मुद्दा देश में जोर शोर से उठ रहा है. सोमवार को बिहार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी से मुलाकात कर जातीय जनगणना कराने की मांग की है. प्रतिनिधि मंडल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, वीआईपी प्रमुख एवं मंत्री मुकेश सहनी सहित वाम दलों के नेता भी मौजूद थे. कुल 10 दलों के 11 नेता थे.
वहीं, बीजेपी जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं है. बीजेपी का कहना है कि केंद्र सरकार हर वर्ग के लोगों का विशेष ख्याल रख रही है. सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी की तरफ से मंत्री जनक राम थे. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना की मांग की आड़ में वोट बैंक की सियासत हो रही है. जिन लोगों ने हमेशा पिछड़ों, गरीबों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया, वही जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं. जो लोग इसकी मांग कर रहे हैं, उनकी बिहार से लेकर केंद्र तक में सरकार रह चुकी है. तब उन्होंने जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई. जातीय जनगणना पर एक तरफ बीजेपी अकेले और दूसरी तरफ सभी पार्टियां दिख रही हैं.
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