पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban)को 5 साल से ज्यादा हो गया है लेकिन आए दिन शराब पकड़े जाने की खबरें आती रहती हैं. यहां तक की जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत भी लगातार हो रही है. ऐसे में विपक्ष शराबबंदी कानून पर सवाल खड़ा कर रहा है. तो वहीं सरकार के सहयोगी दल भी दबी जुबान से शराबबंदी कानून पर सवाल उठाने लगे हैं. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि शराबबंदी पर एक बार फिर से समीक्षा की जाए.
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मांझी ने सरकार पर उठाए सवाल
कल नवादा में जहरीली शराब पीने से कुछ लोगों की मौत हो जाने के मामले पर बीजेपी ने अधिकारियों पर दोष मढ़ना शुरू कर दिया है, तो वही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भी एक बार फिर शराबबंदी कानून पर सवाल खड़ा किया है.
'हम पहले से ही कहते आ रहे हैं कि सरकार को एक बार फिर से शराबबंदी कानून पर पुनर्विचार कर लेना चाहिए. शराबबंदी अच्छी चीज है, लेकिन जिस तरह से शराबबंदी के बावजूद भी लगातार शराब माफिया व्यापार बढ़ा रहे हैं. यहां तक शराब अब तस्करी का रूप लेने लगा है. अधिक मुनाफे के चक्कर में शराब माफिया जहरीली शराब बेच रहे हैं. जहरीली शराब पीने की वजह से लोगों के मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा हैं. ऐसे में सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए.'- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री बिहार
'शराबबंदी कानून पर पुनर्विचार करे सरकार'
जीता राम मांझी ने कहा कि 'बिहार में 5 साल शराबबंदी को हो गये हैं. लेकिन शराबबंद नहीं हुआ है. ऐसे में निश्चित ही बड़े अधिकारियों की वजह से बिहार में शराब माफिया अपना कारोबार करने में लगे हुए हैं. इसलिए मैं एक बार फिर सरकार से अनुरोध करता हूं कि शराबबंदी कानून पर पुनर्विचार करें.'
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