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जाति आधारित मुल्क में गधों की गिनती हो सकती है तो जातियों की क्यों नहीं: जीतन राम मांझी - जाति आधारित मुल्क में गधों की गिनती

जातीय जनगणना के मुद्दे पर जीतन राम मांझी ने ट्वीट (Jitan Ram Manjhi on cast census) कर सियासी सरगरमी पैदा कर दी है. तेजस्वी के अल्टीमेटम के तुरंत बाद ही मांझी ने पूरे तेवर में ट्वीट कर जातीय जनगणना का पुरजोर समर्थन किया. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब देश में गधों की गिनती हो सकती है तो जातियों की गिनती क्यों नहीं हो सकती, पढ़ें पूरी खबर-

Jitan ram manjhi on cast census
Jitan ram manjhi on cast census
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Published : May 10, 2022, 5:27 PM IST

पटना : बिहार में जाति जनगणना (Cast census in Bihar)के मुद्दे पर जहां एक ओर जहां तेजस्वी यादव ने मोर्चा खोल दिया है, वहीं दूसरी ओर NDA के सहयोगी दल HAM ने भी इस मुद्दे को लेकर ट्वीट किया है. हम नेता जीतन राम मांझी ने कहा है कि जब जाति आधारित मुल्क में गधों की गिनती हो सकती है. पर जातियों की गिनती नहीं हो सकती? कुछ लोगों को डर है कि अगर जातियों की गिनती हो गई तो दुनिया को पता लग जाएगा कि हमारे यहां किन लोगों ने किनकी हकमारी कर देश का विकास रोक रखा है. सब बढ़ेंगे तो तभी देश बढेगा.

ये भी पढ़ें- Caste Census In Bihar: 'हमें और कोई चारा नहीं आ रहा नजर.. अब बिहार से दिल्ली तक होगा पैदल मार्च'

बता दें कि जातीय जनगणना पर तेजस्वी यादव दिल्ली तक पैदल यात्रा करने को तैयार हैं. वहीं VIP चीफ मुकेश सहनी भी आरजेडी का साथ देने की हामी भर चुके हैं. ऐसे में जीतन राम मांझी कैसे पीछे रह सकते हैं. उन्होंने भी ट्वीट करके ये जता दिया कि उनकी पार्टी जातीय जनगणना कराने को आतुर है. जीतन राम मांझी ने साफ साफ कहा है कि- 'अगर जाति आधारित मुल्क में गधों की गिनती हो सकती है तो जातियों की गिनती क्यों नहीं हो सकती?'

"देखिए सभी को पता है कि दो बार राजद के प्रयास से, लालू यादव के प्रयास से जातीय जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और परिषद से पास हुआ. हमने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी. अब हमें एक ही चारा सड़क पर जाने का दिख रहा है. बिहार से दिल्ली तक पैदल यात्रा करनी पड़ेगी."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

नीतीश को तेजस्वी दे चुके हैं अल्टीमेटम : पटना में प्रेस को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार जातीय जनगणना पर अगले 72 घंटे में अपना स्टैंड साफ करें. उन्होंने कहा कि अब बहुत हुआ, अब देरी बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. नीतीश सरकार को तत्काल कैबिनेट की बैठक बुलाकर बिहार में जातीय जनगणना कराने पर फैसला लेना होगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो हम सड़क पर उतरेंगे.

निश्चित तौर पर जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार की सियासत में गर्माहट है. जिस तरीके से जीतन राम मांझी ने जाति जनगणना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है उससे यही लगता है कि HAM भी इस मुद्दे को अपने हाथ से जाने देना नहीं चाहतीं. देखना ये है कि NDA के दूसरे दल मांझी के इस ट्वीट पर किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं.

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पटना : बिहार में जाति जनगणना (Cast census in Bihar)के मुद्दे पर जहां एक ओर जहां तेजस्वी यादव ने मोर्चा खोल दिया है, वहीं दूसरी ओर NDA के सहयोगी दल HAM ने भी इस मुद्दे को लेकर ट्वीट किया है. हम नेता जीतन राम मांझी ने कहा है कि जब जाति आधारित मुल्क में गधों की गिनती हो सकती है. पर जातियों की गिनती नहीं हो सकती? कुछ लोगों को डर है कि अगर जातियों की गिनती हो गई तो दुनिया को पता लग जाएगा कि हमारे यहां किन लोगों ने किनकी हकमारी कर देश का विकास रोक रखा है. सब बढ़ेंगे तो तभी देश बढेगा.

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बता दें कि जातीय जनगणना पर तेजस्वी यादव दिल्ली तक पैदल यात्रा करने को तैयार हैं. वहीं VIP चीफ मुकेश सहनी भी आरजेडी का साथ देने की हामी भर चुके हैं. ऐसे में जीतन राम मांझी कैसे पीछे रह सकते हैं. उन्होंने भी ट्वीट करके ये जता दिया कि उनकी पार्टी जातीय जनगणना कराने को आतुर है. जीतन राम मांझी ने साफ साफ कहा है कि- 'अगर जाति आधारित मुल्क में गधों की गिनती हो सकती है तो जातियों की गिनती क्यों नहीं हो सकती?'

"देखिए सभी को पता है कि दो बार राजद के प्रयास से, लालू यादव के प्रयास से जातीय जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और परिषद से पास हुआ. हमने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी. अब हमें एक ही चारा सड़क पर जाने का दिख रहा है. बिहार से दिल्ली तक पैदल यात्रा करनी पड़ेगी."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

नीतीश को तेजस्वी दे चुके हैं अल्टीमेटम : पटना में प्रेस को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार जातीय जनगणना पर अगले 72 घंटे में अपना स्टैंड साफ करें. उन्होंने कहा कि अब बहुत हुआ, अब देरी बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. नीतीश सरकार को तत्काल कैबिनेट की बैठक बुलाकर बिहार में जातीय जनगणना कराने पर फैसला लेना होगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो हम सड़क पर उतरेंगे.

निश्चित तौर पर जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार की सियासत में गर्माहट है. जिस तरीके से जीतन राम मांझी ने जाति जनगणना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है उससे यही लगता है कि HAM भी इस मुद्दे को अपने हाथ से जाने देना नहीं चाहतीं. देखना ये है कि NDA के दूसरे दल मांझी के इस ट्वीट पर किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं.

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