पटना : बिहार की राजनीति एक बार फिर से उफान मार रही है. जहां एक ओर जीतन राम मांझी लगातार महाठबंधन में गांठ पड़ने की बात करते रहते हैं. वहीं उन्होंने एक बड़ा कदम उठाया है.
एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की है. यह औपचारिक मुलाकात है या फिर इसके पीछे कुछ राजनीति, यह कह पाना मुश्किल है.
क्षेत्र की समस्या से जुड़े मामलों को लेकर मुलाकात
इधर, हम प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान का बयान आया है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की समस्या से जुड़े मामलों को लेकर मुलाकात हुई है. मांझी जी के गांव माहकार में दलित छात्रावास के उद्घाटन और ब्लाक की स्थापना को लेकर मुलाकात हुई है.
राजनीतिक हलकों में कई चर्चाएं शुरू
वैसे, जिस समय में मांझी ने नीतीश कुमार से मुलाकात की है उससे राजनीतिक हलकों में कई चर्चाएं शुरू हो गयी है. को-ऑर्डिनेशन कमिटी को लेकर जिस प्रकार से मांझी महागठबंधन में मुखर हुए हैं, और अचानक नीतीश कुमार से मुलाकात की है उससे कई प्रश्न तो जरूर खड़े हो रहे हैं.
मांझी, नीतीश की करते हैं तारीफ
वैसे जून 2019 में भी जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. इफ्तार पार्टी में गर्मजोशी से दोनों ने एक-दूसरे को गला भी लगाया था. उस समय भी चर्चा काफी गर्म थी कि मांझी कुछ अलग करने जा रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर से जब मांझी नीतीश से मिले हैं तो देखना होगा कि आगे क्या करते है? क्योंकि गाहे-बगाहे मांझी नीतीश कुमार की तारीफ करते ही रहते हैं.
मांझी करेंगे 'घर वापसी'!
यदि इतिहास के पन्ने को पलटा जाए तो नीतीश कुमार की वजह से ही मांझी बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. वो अलग बात है जब दोनों में खटास बढ़ी तो मांझी अलग पार्टी बनाकर एनडीए में शामिल हो गए. ऐसे में जब नीतीश कुमार की पार्टी एनडीए में शामिल है. और अगर मांझी लौटते हैं, चाहे जेडीयू में या फिर एनडीए में तो उनकी 'घर वापसी' ही कही जाएगी.
'बिहार की राजनीति में अभी काफी राजनीति देखने को मिलेगी'
बीजेपी के नेता पहले ही मांझी को खुला ऑफर दे चुके हैं. अब ऐसे में वह क्या कदम उठाते हैं यह देखने वाली बात होगी. अगर मांझी एनडीए में आते हैं तो कुशवाहा क्या करेंगे इसपर भी नजर रहेगी. मतलब बिहार की राजनीति में अभी काफी राजनीति देखने को मिलेगी.