पटनाः बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा रिजल्ट को लेकर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने इसको लेकर आयोग से जांच कराकर कार्रवाई की भी मांग की है. मांझी ने दावा किया है कि उनके पास धांधली का सबूत है, जिस आधार पर उन्होंने मीडिया के सामने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो रिजल्ट जारी किया गया है, उससे पता चलता है कि काफी धांधली गई है.
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"बीपीएससी शिक्षक बहाली में धांधली हुई, जिसका हमारे पास प्रमाण है. 11वीं और 12वीं के शिक्षकों का दस्तावेज के दौरान 1698 अभ्यर्थी अयोग्य पाए गए हैं, जिसकी सूचना उपलब्ध है. अयोग्य अभ्यर्थी का भी रिजल्ट घोषित कर दिया गया है. हर परीक्षा में 5-10 प्रतिशत अभ्यर्थी अनुपस्थित रहते हैं. इस परीक्षा में मात्र 150 अभ्यर्थी अनुपस्थित हुए थे, जो एकदम असंभव है. इस लिस्ट को आयोग को भेजेंगे और जांच कर कार्रवाई की मांग करेंगे." -जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम, बिहार
शिक्षकों को नियुक्ति पत्र नहीं देने की अपीलः जीतन राम मांझी ने इसको लेकर कई प्रमाण भी दिए. उन्होंने कहा कि इस तरह के रिजल्ट की जांच होनी चाहिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2 नवंबर को शिक्षकों को नियुक्ति पत्र भी दे रहे हैं, लेकिन जीतन राम मांझी के हिसाब से अभी नियुक्ति पत्र नहीं देना चाहिए. मांझी ने सीएम नीतीश कुमार से बीपीएससी द्वारा जारी रिजल्ट की जांच करवाने की मांग की है.
अयोग्य को बनाया गया शिक्षकः जीतन राम मांझी ने साक्ष्य पर दावा करते हुए कहा कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान 1698 अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित किया गया था, लेकिन इनका भी रिजल्ट जारी किया गया है. इससे पता चलता है कि कितनी धांधली की गई है. उन्होंने परीक्षा में अनुपस्थित हुए आंकड़ा पर भी सवाल उठाया. कहा कि सरकारी आंकड़ा में अनुपस्थि अभ्यर्थियों की संख्या 150 है, लेकिन ये असंभव है. क्योंकि सभी परीक्षा में 5-10 प्रतिशत अभ्यर्थी अनुपस्थित होते हैं.
एक लाख से ज्यादा अभ्यर्थी सफलः बता दें कि इस बार बीपीएससी शिक्षक बहाली में एक लाख 20 हजार 336 अभ्यर्थी सफल हुए हैं, जिसमें 14 हजार अभ्यर्थी दूसरे राज्य के हैं. शिक्षा विभाग की ओर से पहले चरण में 1.70 लाख पदों के लिए बहाली निकाली गई थी. करीब 8 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया गया था, जिसमें 1.20 लाख 336 सफल हुए. दूसरे चरण में भी 1.10 लाख पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया है.