पटनाः सोमवार को बिहार में 5 विधानसभा और 1 लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव हुए. जिस पर हम प्रमुख और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. मांझी ने फिर से स्वीकार किया है कि महागठबंधन के नेताओं में आपसी तालमेल की कमी है. जिसका फायदा एनडीए को फायदा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के बड़े नेताओं को आपसी स्वार्थ से त्याग कर एक होना होगा. तभी एनडीए को परास्त किया जा सकता है.
वहीं महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव के बाद के बाद जारी एग्जिट पोल पर भी पूर्व सीएम ने प्रतिक्रिया दी. जीतन राम मांझी ने कहा कि सारे एग्जिट पोल बीजेपी के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि जनता को विकास, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था की स्थिति को देख कर मतदान करने की आवश्यकता है. लेकिन एनडीए मुद्दों को पीछे छोड़ राष्ट्रीयता, धार्मिकता, संप्रदायिकता, भारत-पाकिस्तान के मुद्दे पर युवाओं को बहुत ज्यादा प्रभावित कर रहा है.
हम और वीआईपी को मिला दलित और पिछड़ों का साथ
जीतन राम मांझी का कहना है कि दोनों राज्य में बीजेपी की सरकार बन सकता है. लेकिन बिहार में दलितों ने उनका बखूबी साथ दिया है. नाथनगर में हम पार्टी और सिमरी बख्यतियारपुर में वीआईपी के पक्ष में गोलबंद होकर मतदान किया है. वहीं सतापक्ष पर धन बल के दुरूपयोग का भी आरोप लगाया. मांझी ने दावा करते हुए कहा कि उपचुनाव में दलिप, अतिपछड़ा, पिछड़ा वर्ग ने उनका साथ दिया है. अगर ऐसा ही रहा तो आगामी विधानसभा 2020 में महागठबंधन के पक्ष में ज्यादा से ज्यादा लोग खड़े नजर आयेंगे.
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महागठबंधन में CM कैंडिडेट को लेकर कोई खींचतान नहीं- उपेन्द्र कुशवाहा
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स्वार्थ त्यागें महागठबंधन के नेता
वहीं, महागठबंधन के नेताओं को मांझी ने फिर से नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के बड़े नेताओं को अपना स्वार्थ त्यागना चाहिए. बीजेपी को हराने के लिए राष्ट्रीय हित में निर्णय ले. एनडीए गठबंधन को बिहार में सरकार बनाने से रोकने के लिए महागठबंधन नेताओं को एकजुट होना पड़ेगा. पूर्व सीएम ने स्वीकार किया कि महागठबंधन में नेताओं के बीच तालमेल नहीं बैठ रहा. जिसका भरपुर फायदा एनडीए लगातार उठा रहा है. मांझी ने आाशा व्यक्त करते हुए कहा कि पिछली गलतियों से सबक लेते हुए महागठबंधन को आगामी विधानसभा चुनाव एकजुटता से लड़ना चाहिए.