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'जब बिहार में लोगों ने नीतीश को नकार दिया तो UP में क्या लड़ेंगे, दबाव बनाकर BJP से कुछ सीट पाना चाहती है JDU' - NDA

जेडीयू ने उत्तर प्रदेश में 200 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, हालांकि अभी बीजेपी से बातचीत की गुंजाइश बची हुई है. इधर आरजेडी ने इसको लेकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर तंज कसा है. प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जिस पार्टी को बिहार के लोगों ने खारिज कर दिया हो, उसे भला यूपी की जनता क्यों वोट करेगी.

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Published : Jun 28, 2021, 4:14 PM IST

Updated : Jun 28, 2021, 5:50 PM IST

पटना: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) को लेकर बिहार की सियासत में भी हलचल शुरू हो गई है. एनडीए की अहम सहयोगी जेडीयू ने वहां बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है. वहीं आरजेडी ने इसे नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की प्रेशर पॉलिटिक्स बताया है. पार्टी का दावा है कि ये बयानबाजी केवल सीटों की सौदेबाजी के लिए हो रही है.

ये भी पढ़ें- UP में योगी के सामने ताल ठोकेंगे नीतीश, 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगा JDU

200 सीटों पर लड़ने का निर्णय
बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रहे नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने यूपी में योगी आदित्यनाथ के सामने ताल ठोकने का फैसला कर लिया है. राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने ऐलान किया है कि हम वहां 200 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि बीजेपी से बातचीत की कोशिश की जा रही है. अगर हमारी बात बनी तो ठीक, नहीं तो जेडीयू अकेले ही चुनाव लड़ेगी. इधर, बिहार जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा का भी कहना है कि उत्तर प्रदेश में पिछली बार चुनाव पार्टी ने नहीं लड़ा था, लेकिन इस बार पार्टी चुनाव लड़ेगी.

जेडीयू और आरजेडी नेता के बयान

नीतीश कुमार की नीति से लोग प्रभावित
अभिषेक झा ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक छवि और जेडीयू की नीतियों से पूरे देश की जनता प्रभावित है. हमने पहले भी कई राज्यों में चुनाव लड़ा है और कई स्थानों पर बेहतर परिणाम भी आए हैं. उन्होंने कहा कि पिछली बार हमने यूपी चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन इस बार चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी है. किसके साथ गठबंधन होगा और कितनी सीटों पर उम्मीदवार उतारा जाएगा, राष्ट्रीय नेता ही तय करेंगे.

"जदयू की यह विचारधारा है कि समाज में जो पिछड़े वर्ग के लोग हैं, उन तक समुचित सुविधा कैसे पहुंचे और अंतिम पायदान तक योजना का लाभ कैसे मिले. यही वजह है कि जदयू और नीतीश कुमार को लोगों का स्नेह मिलता रहता है"- अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू

ये भी पढ़ें- UP ELECTION में सहनी की बिसात... 150 सीटों पर तैयारी... पूरे राज्य पर नजर, BJP की बढ़ी टेंशन

आरजेडी का जेडीयू पर तंज
वहीं, लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने जेडीयू पर तंज कसा है. प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पहले भी कई राज्यों में जेडीयू चुनाव लड़ चुका है, लेकिन उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बची. हाल में बंगाल में हुए चुनाव इसका उदाहरण है. बिहार में ही जब उनकी पार्टी 43 सीट लाकर तीसरे स्थान पर पहुंच गई तो भला यूपी में जाकर क्या कर लेंगे.

दबाव बनाने की कोशिश
आरजेडी प्रवक्ता ने जेडीयू के यूपी में चुनाव लड़ने के ऐलान को नीतीश कुमार की प्रेशर पॉलिटिक्स बताया. उन्होंने कहा कि सच तो ये है कि यह बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश है, ताकि वहां समझौता कर कुछ सीटों पर चुनाव लड़ सकें. बंगाल और झारखंड में भी ये कोशिश की गई थी, लेकिन बीजेपी ने भाव नहीं दिया.

"जदयू चाहती है कि दबाव बनाकर बीजेपी के साथ गठबंधन में कुछ सीटों पर चुनाव लड़ें, लेकिन बीजेपी भी इनका चाल समझती है. नीतीश कुमार कहीं नहीं लड़ेंगे, सिर्फ दबाव बना रहे हैं."- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

पटना: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) को लेकर बिहार की सियासत में भी हलचल शुरू हो गई है. एनडीए की अहम सहयोगी जेडीयू ने वहां बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है. वहीं आरजेडी ने इसे नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की प्रेशर पॉलिटिक्स बताया है. पार्टी का दावा है कि ये बयानबाजी केवल सीटों की सौदेबाजी के लिए हो रही है.

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200 सीटों पर लड़ने का निर्णय
बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रहे नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने यूपी में योगी आदित्यनाथ के सामने ताल ठोकने का फैसला कर लिया है. राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने ऐलान किया है कि हम वहां 200 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि बीजेपी से बातचीत की कोशिश की जा रही है. अगर हमारी बात बनी तो ठीक, नहीं तो जेडीयू अकेले ही चुनाव लड़ेगी. इधर, बिहार जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा का भी कहना है कि उत्तर प्रदेश में पिछली बार चुनाव पार्टी ने नहीं लड़ा था, लेकिन इस बार पार्टी चुनाव लड़ेगी.

जेडीयू और आरजेडी नेता के बयान

नीतीश कुमार की नीति से लोग प्रभावित
अभिषेक झा ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक छवि और जेडीयू की नीतियों से पूरे देश की जनता प्रभावित है. हमने पहले भी कई राज्यों में चुनाव लड़ा है और कई स्थानों पर बेहतर परिणाम भी आए हैं. उन्होंने कहा कि पिछली बार हमने यूपी चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन इस बार चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी है. किसके साथ गठबंधन होगा और कितनी सीटों पर उम्मीदवार उतारा जाएगा, राष्ट्रीय नेता ही तय करेंगे.

"जदयू की यह विचारधारा है कि समाज में जो पिछड़े वर्ग के लोग हैं, उन तक समुचित सुविधा कैसे पहुंचे और अंतिम पायदान तक योजना का लाभ कैसे मिले. यही वजह है कि जदयू और नीतीश कुमार को लोगों का स्नेह मिलता रहता है"- अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू

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आरजेडी का जेडीयू पर तंज
वहीं, लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने जेडीयू पर तंज कसा है. प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पहले भी कई राज्यों में जेडीयू चुनाव लड़ चुका है, लेकिन उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बची. हाल में बंगाल में हुए चुनाव इसका उदाहरण है. बिहार में ही जब उनकी पार्टी 43 सीट लाकर तीसरे स्थान पर पहुंच गई तो भला यूपी में जाकर क्या कर लेंगे.

दबाव बनाने की कोशिश
आरजेडी प्रवक्ता ने जेडीयू के यूपी में चुनाव लड़ने के ऐलान को नीतीश कुमार की प्रेशर पॉलिटिक्स बताया. उन्होंने कहा कि सच तो ये है कि यह बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश है, ताकि वहां समझौता कर कुछ सीटों पर चुनाव लड़ सकें. बंगाल और झारखंड में भी ये कोशिश की गई थी, लेकिन बीजेपी ने भाव नहीं दिया.

"जदयू चाहती है कि दबाव बनाकर बीजेपी के साथ गठबंधन में कुछ सीटों पर चुनाव लड़ें, लेकिन बीजेपी भी इनका चाल समझती है. नीतीश कुमार कहीं नहीं लड़ेंगे, सिर्फ दबाव बना रहे हैं."- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

Last Updated : Jun 28, 2021, 5:50 PM IST
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