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CM नीतीश के खिलाफ बोलना PK और पवन वर्मा को पड़ा महंगा, पार्टी से हुए निष्कासित

जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने बुधवार को दिल्ली से पत्र जारी कर प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए पार्टी के सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया.

पटना
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Published : Jan 29, 2020, 6:29 PM IST

पटना: सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बोलना प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को महंगा पड़ गया. पार्टी ने अनुशासनहीनता का मामला बताते हुए दोनों को पार्टी के प्राथमिक सदस्यता और पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया. पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने दिल्ली से निलंबन का पत्र जारी किया है.

बता दें कि प्रशांत किशोर लगातार पार्टी के फैसले और नीतीश कुमार के खिलाफ बोल रहे थे. नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को लेकर कहा था कि जो जहां जाना चाहते हैं चले जाएं. अगर पार्टी में रहना है तो पार्टी के नियमों और विचारधारा को मानना होगा. साथ ही सीएम नीतीश ने ये भी कहा था कि अमित शाह के कहने पर ही उन्होंने प्रशांत किशोर को पार्टी में जगह दी थी.

महासचिव केसी त्यागी ने जारी किया लेटर
सीएम नीतीश के बयान के बाद भी प्रशांत किशोर शांत नहीं हुए और ट्वीट कर नीतीश कुमार को ही झूठा बता दिया. ऐसे में जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने बुधवार को दिल्ली से पत्र जारी कर प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए पार्टी के सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया. केसी त्यागी ने लेटर जारी करते हुए यह भी कहा है कि नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी में बहुत सम्मान दिया. लेकिन वो दोनों पार्टी के अनुशासन और वफादारी के खिलाफ काम करते रहे.

संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट

पहली बार एक साथ दो नेताओं पर कार्रवाई
बताया जाता है कि पार्टी के खिलाफ बोलने वाले बागी नेताओं पर नीतीश कुमार कड़ी कार्रवाई करने से बचते रहे हैं. पहले का रिकॉर्ड देखा जाए तो पता चलेगा कि नीतीश कुमार पार्टी में ऐसी परिस्थिति पैदा कर देते हैं कि बागी खुद साइडलाइन हो जाते हैं. शरद यादव सरीखे नेताओं के साथ भी यही हुआ और उन्हें पार्टी से निकलना पड़ा. लेकिन पहली बार नीतीश कुमार ने एक साथ दो नेताओं पर इतनी बड़ी कार्रवाई की है. वैसे पार्टी से निलंबन के बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया है.

पटना: सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बोलना प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को महंगा पड़ गया. पार्टी ने अनुशासनहीनता का मामला बताते हुए दोनों को पार्टी के प्राथमिक सदस्यता और पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया. पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने दिल्ली से निलंबन का पत्र जारी किया है.

बता दें कि प्रशांत किशोर लगातार पार्टी के फैसले और नीतीश कुमार के खिलाफ बोल रहे थे. नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को लेकर कहा था कि जो जहां जाना चाहते हैं चले जाएं. अगर पार्टी में रहना है तो पार्टी के नियमों और विचारधारा को मानना होगा. साथ ही सीएम नीतीश ने ये भी कहा था कि अमित शाह के कहने पर ही उन्होंने प्रशांत किशोर को पार्टी में जगह दी थी.

महासचिव केसी त्यागी ने जारी किया लेटर
सीएम नीतीश के बयान के बाद भी प्रशांत किशोर शांत नहीं हुए और ट्वीट कर नीतीश कुमार को ही झूठा बता दिया. ऐसे में जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने बुधवार को दिल्ली से पत्र जारी कर प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए पार्टी के सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया. केसी त्यागी ने लेटर जारी करते हुए यह भी कहा है कि नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी में बहुत सम्मान दिया. लेकिन वो दोनों पार्टी के अनुशासन और वफादारी के खिलाफ काम करते रहे.

संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट

पहली बार एक साथ दो नेताओं पर कार्रवाई
बताया जाता है कि पार्टी के खिलाफ बोलने वाले बागी नेताओं पर नीतीश कुमार कड़ी कार्रवाई करने से बचते रहे हैं. पहले का रिकॉर्ड देखा जाए तो पता चलेगा कि नीतीश कुमार पार्टी में ऐसी परिस्थिति पैदा कर देते हैं कि बागी खुद साइडलाइन हो जाते हैं. शरद यादव सरीखे नेताओं के साथ भी यही हुआ और उन्हें पार्टी से निकलना पड़ा. लेकिन पहली बार नीतीश कुमार ने एक साथ दो नेताओं पर इतनी बड़ी कार्रवाई की है. वैसे पार्टी से निलंबन के बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया है.

Intro:पटना-- नीतीश के खिलाफ बोलना प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को महंगा पड़ गया। पार्टी ने अनुशासनहीनता का मामला बताते हुए दोनों को प्राथमिक सदस्यता और पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया । पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने दिल्ली से निलंबन का पत्र जारी किया है।


Body:प्रशांत किशोर लगातार पार्टी के फैसले और नीतीश कुमार के खिलाफ बोल रहे थे । नीतीश कुमार ने आने बयान में प्रशांत किशोर को कहा कि जहां जाना चाहते हैं चले जाएं । पार्टी में रहना है तो पार्टी के लाइन और लेंथ को मानना होगा। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि अमित शाह के कहने पर ही उन्हें जदयू में शामिल किया था। नीतीश के बयान के बाद भी प्रशांत किशोर शांत नहीं हुए और ट्वीट कर नीतीश कुमार को ही झूठा बता दिया । ऐसे में पार्टी के लिए अब कुछ रह नहीं गया था और आज केसी त्यागी ने दिल्ली से प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए पार्टी के सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया। केसी त्यागी ने पार्टी के संविधान की धारा 21 के अनुशासन संबंधी नियमों के khand-4 के अनुसार जनता दल यू के कार्यक्रम तथा निर्णय के विरुद्ध कार्य करना अथवा प्रचार करना अनुशासन भंग करना माना जाता है कि तहत कार्रवाई की है। केसी त्यागी ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा दोनों के खिलाफ निलंबन का पत्र जारी किया है और पत्र में हाल के दिनों में जिस प्रकार से ट्वीट और बयान के माध्यम से प्रशांत किशोर और पवन वर्मा ने अपना रवैया जारी रखा उसका भी जिक्र किया है। के सी त्यागी ने यह भी कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी में बहुत सम्मान दिया। केसी त्यागी ने अपने पत्र में कहा कि पार्टी का अनुशासन पार्टी का निर्णय एवं पार्टी नेतृत्व के प्रति वफादारी ही दल का मूल मंत्र होता है और दोनों लगातार इसके खिलाफ काम करते रहे। प्रशांत किशोर और पवन वर्मा के आचरण से स्पष्ट है कि वे दल के अनुशासन के बंधन में नहीं रहना चाहते हैं और मुक्त होना चाहते हैं।


Conclusion: नीतीश कुमार ऐसे तो बागियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से बचते रहे हैं पहले का रिकॉर्ड देखें तो पार्टी में ऐसी परिस्थिति पैदा कर देते हैं कि बागी खुद साइडलाइन हो जाते हैं और उन्हें पार्टी से निकलना मजबूरी हो जाता है और शरद यादव सरीखे नेताओं के साथ भी यही हुआ और उन्हें पार्टी से निकलना पड़ा पहली बार नीतीश कुमार ने एक साथ दो नेताओं पर इतनी बड़ी कार्रवाई की है ऐसे में देखना है पार्टी में आगे नीतीश कुमार के खिलाफ बोलने का कोई साहस जुटा पाता है या नहीं।
ऐसे निलंबन के बाद भी प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया है और उसमें नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया है ।
अविनाश, पटना।
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