पटना: जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU State President Umesh Kushwaha) ने दावा किया है कि जिस तरह से आम लोगों में मोदी सरकार के खिलाफ नाराजगी है, उससे साफ लगता है कि 2024 में सत्ता परिवर्तन (Central government will change in 2024) होकर रहेगा. उन्होंने कहा कि जनता बीजेपी के झूठे वादों से बेहाल, हताश और परेशान है. देश में बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा और कुपोषण चरम पर है, लेकिन इसके बावजूद नए-नए झूठे वादे कर देश की जनता को गुमराह किया जा रहा है.
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उमेश कुशवाहा ने बीजेपी पर हमला बोला: उमेश कुशवाहा ने कहा कि धार्मिक उन्माद फैलाकर बीजेपी जिस तरह सत्ता पाकर लोगों के हितों से खिलवाड़ कर रही है, इससे देश धीरे-धीरे गृहयुद्ध और वर्ग संघर्ष की ओर बढ़ रहा है. इस कारण देश की जनता के हित में आवश्यक है कि लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता और भारतीय संविधान में आस्था रखने वाले सभी पार्टी एकजुट हो ताकि केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता के बाहर का रास्ता दिखाया जा सके.
रोजगार के अवसर में कमी-कुशवाहा: जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण कई रोजगार बंद हो गए हैं और रोजगार के अवसरों में लगातार कमी आ रही है. सरकारी लाभ अर्जित करने वाले सरकारी उपक्रमों को भी पूंजीपतियों के हाथों बेचा जा रहा है. इससे समाज में आर्थिक विषमता लगातार बढ़ रही है, जो राष्ट्र के विकास में अवरोधक हैं. कुशवाहा ने कहा कि एक ओर जहां सरकार लाभ अर्जित करने वाले लोक उपक्रमों को पूंजी पतियों के हाथों बेच रही है वहीं दूसरी ओर केंद्र ने ओएनजीसी पर दबाव बनाकर गुजरात स्टेट पेट्रोलियम काॅरपोरेशन जो घाटे में चल रही थी और जिसकी स्थापना नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए किया था, उसको खरीदने के लिए दबाव डाला. जिस कारण ओएनजीसी जिसे पावर हाउस ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता था, उसकी स्थिति दयनीय होती चली गई है. इसके लिए केंद्र सरकार की गलत नीति जिम्मेदार है.
"मोदी की सरकार आर्थिक नीतियां पूर्ण रूप से विफल रही हैं. भारत सरकार पर 140 लाख करोड़ का ऋण है, जनता को उनके खाते में 15 लाख रूपये ट्रांसफर करने का झूठा वादा किया था लेकिन इस वायदे को झुठलाते हुए आज सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रत्येक भारतीयों पर औसतन एक लाख कर्ज का भार है, इसे भारत की जनता कभी कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. सरकार अपने बजट घाटे को कम करने के लिए प्रति वर्ष 15 लाख करोड़ रूपया ऋण ले रही है. इसके अलावा बड़े पैमाने पर सरकारी उपक्रमों को पूंजी पतियों के हाथों बेच रही है. आखिर यह कब तक चलता रहेगा? इससे तो राष्ट्र आर्थिक दिवालियापन के कगार पर पहुंच जाएगा, आज इसे रोकने की सख्त आवश्यकता है"- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू
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