पटना: लोकसभा चुनाव के बाद लंबे अरसे के बाद हुई महागठबंधन की बैठक में तेजस्वी यादव के नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर सहमति नहीं बनी. अब सत्तापक्ष के नेताओं ने तंज कसना शुरू कर दिया है. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि, यह बैठक दिखावे के लिए की गई थी.
राजीव रंजन ने कहा कि महागठबंधन के नेता यह दिखाना चाहते थे कि, लोकसभा चुनाव के बाद बुरी तरह से पराजित होने के बाद भी हम लोग जिंदा हैं, लेकिन महागठबंधन के दलों के अंदर कोहराम मचा है. साथ ही, नेता पद पर तेजस्वी यादव के नाम की मुहर नहीं है.
'कई शून्य मिलकर भी योग वही'
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि जीतन राम मांझी सुबह में किसी की तारीफ करते हैं जबकि, शाम को उनके सुर बदल जाते हैं. राजीव रंजन ने कहा कि मांझी अगले दिन किसकी तारीफ करेंगे उन्हें खुद पता नहीं होता है, इसलिए कई शून्य मिलकर भी योग वही होना है. जनता ने इनको हाशिए पर पहुंचा दिया है. दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने प्रचंड बहुमत के साथ लोकसभा चुनाव में विजय हासिल की है.
'कठिन होगा महागठबंधन में गठबंधन बनाए रखना'
महागठबंधन की बैठक में यह तय जरूर हुआ कि, आंदोलन एक साथ सभी दल मिलकर करेंगे, लेकिन महागठबंधन के नेता पद को लेकर जिस ढंग से पहले जीतन राम मांझी ने बयान दिया फिर कांग्रेस के नेताओं ने दिया और बैठक में भी इस पर सहमति नहीं बनी, ऐसे में साफ है कि, आने वाले समय में महागठबंधन को एकजुट रखना आसान नहीं होगा.