पटना: बिहार में महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर जदयू में दावेदारी शुरू हो गई है. पोस्टर से लेकर कार्यक्रम तक साफ दिख रहा है कि पार्टी के नेता दो भाग में बंट गए हैं. पिछले साल पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने महाराणा प्रताप पुण्यतिथि का आयोजन किया था. उसमें नीतीश कुमार को भी बुलाया था. लेकिन इस बार नीतीश कुमार ने मना कर दिया. हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह दोनों कार्यक्रम में शामिल हुए और यह संकेत देने की कोशिश की है कि पार्टी में सब कुछ ठीक है.
आरसीपी सिंह हुए शामिल
संजय सिंह के आवास पर आयोजित महाराणा प्रताप पुण्यतिथि का कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस के रुप में मनाया गया. ऐसे तो उद्घाटन 2 घंटे से भी अधिक विलंब से हुआ. क्योंकि आरसीपी सिंह पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में व्यस्त रहे. काफी इंतजार के बाद संजय सिंह ने कार्यक्रम की शुरुआत कर दी. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से कार्यक्रम की शुरुआत करवा दी गई. हालांकि कुछ देर बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हो गए.
जदयू नेताओं ने दी सफाई
महाराणा की दावेदारी को लेकर दो जगह कार्यक्रम किए जाने पर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि महान व्यक्ति का जितने कार्यक्रम हो, उतनी अच्छी बात है. पार्टी के अन्य नेताओं ने भी दावेदारी पर सफाई दी.
कार्यक्रम में शामिल पहुंचे जदयू कार्यकर्ता भी दो जगह हो रहे कार्यक्रम से संशय में दिखे. हालांकि यह कह कर कि पार्टी कार्यालय में जो कार्यक्रम हुआ, उसमें मिलन समारोह था और यहां मुख्य कार्यक्रम हो रहा है, इससे बचाव करने की कोशिश भी की गई.
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पार्टी का खराब प्रदर्शन
बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद नीतीश कुमार ने वशिष्ठ नारायण सिंह को हटाकर कुशवाहा समाज से आने वाले उमेश कुशवाहा को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. पार्टी के शीर्ष नेताओं को लगता है कि इस बार कुछ खास वर्गों का वोट नहीं मिला है और इसीलिए लव-कुश पर पार्टी का पूरा जोर है. लेकिन इसके बावजूद संजय सिंह के कार्यक्रम में राजपूत समाज के कई नेता जुटे हैं. पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भी दिखाई दिए. लेकिन पार्टी कार्यालय में अलग से कार्यक्रम होने के कारण विवाद भी दिखने लगा है.