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तारकिशोर प्रसाद को लेकर सत्ता पक्ष बैकफुट पर, खुलकर बोलने से बच रहे हैं JDU के नेता - तारकिशोर प्रसाद को लेकर सत्ता पक्ष बैकफुट पर

डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) के परिजनों को टेंडर दिए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर जमकर हमला बोला है. वहीं जेडीयू (JDU) के नेता इस पर खुलकर बोलने से बच रहे हैं.

Tarkishore Prasad
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Published : Sep 23, 2021, 6:15 PM IST

पटना: ‘हर घर नल का जल’ योजना में उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy CM Tarkishore Prasad) के सगे-संबधियों को 53 करोड़ रुपए का ठेका मिलने के मामले में जहां विपक्ष हमलावर हो गया है, वहीं सत्ता पक्ष बैकफुट पर दिख रहा है. खासकर जेडीयू (JDU) खुलकर बोलने से बच रहा है. प्रवक्ता से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री तक जानकारी नहीं होने की दलील दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें: साला... दामाद... बहू सबको ठेका... आरोप डिप्टी सीएम पर... तेजस्वी के निशाने पर CM नीतीश

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (Umesh Kushwaha) ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. लिहाजा वे कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं. वहीं, जेडीयू कोटे से ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Shrawan Kumar) भी खुल कर बोलने से बचते दिखे. साथ ही उन्होंने डिप्टी सीएम का बचाव करने की भी कोशिश की.

देखें रिपोर्ट

श्रवण कुमार का कहना है कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अब कोई भी टेंडर प्रक्रिया से ही किसी को मिल सकता है. कोई मंत्री किसी को टेंडर दिला नहीं सकता है. यदि टेंडर में किसी तरह की कोई गड़बड़ी की जाती है तो उसकी जांच होगी.

वहीं जेडीयू विधायक शालिनी मिश्रा का कहना है कि मुझे जानकारी नहीं है, लेकिन विधायकों को अपने परिजनों को टेंडर दिलाना सही नहीं है. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की ओर से कार्रवाई की मांग पर उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तो इसी तरह चिल्लाते रहते हैं.

उधर, एनडीए के एक अन्य सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने तारकिशोर प्रसाद का बचाव किया और कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि टेंडर प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी हुई है. साथ ही उन्होंने तेजस्वी को लालू-राबड़ी के समय की टेंडर प्रक्रिया की याद दिलाई.

ये भी पढ़ें: डिप्टी सीएम के बहाने तेजस्वी ने नीतीश को दिखायी 'आंख', तो जेडीयू बताने लगी 'औकात'

आपको बताएं कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गुरुवार को 'नल जल' मामले में हुए टेंडर को लेकर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद पर अपने रिश्तेदार को टेंडर देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि टेंडर के माध्यम से तारकिशोर प्रसाद ने अपने रिश्तेदारों को आर्थिक लाभ पहुंचाया है.

दरअसल एक अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 'हर घर नल का जल' योजना से जरूरतमंदों के साथ-साथ नेताओं के रिश्तेदारों को भी फायदा हुआ है. इसके जरिए उपमुख्यमंत्री तारकिशोर के परिवार और उनके सहयोगियों को 53 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया है. अखबार ने पड़ताल में पाया कि पीएचईडी (PHED) ने 2019-20 में कटिहार जिले की 9 पंचायतों के अलग-अलग वार्ड में 36 प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी. कटिहार जिले से ही उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद चार बार विधायक रहे हैं. 'हर घर नल का जल' प्रोजेक्ट के तहत जिन कंपनियों को ठेका दिया गया, उनमें से एक उनकी बहू पूजा कुमारी, दो साले प्रदीप कुमार भगत से जुड़ी हुई हैं. इतना ही नहीं ठेका लेनेवाली कंपनियों में कुछ उनके करीबी प्रशांत चंद्र जायसवाल, ललित किशोर प्रसाद और संतोष कुमार से जुड़ी हुई है.

पटना: ‘हर घर नल का जल’ योजना में उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy CM Tarkishore Prasad) के सगे-संबधियों को 53 करोड़ रुपए का ठेका मिलने के मामले में जहां विपक्ष हमलावर हो गया है, वहीं सत्ता पक्ष बैकफुट पर दिख रहा है. खासकर जेडीयू (JDU) खुलकर बोलने से बच रहा है. प्रवक्ता से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री तक जानकारी नहीं होने की दलील दे रहे हैं.

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जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (Umesh Kushwaha) ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. लिहाजा वे कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं. वहीं, जेडीयू कोटे से ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Shrawan Kumar) भी खुल कर बोलने से बचते दिखे. साथ ही उन्होंने डिप्टी सीएम का बचाव करने की भी कोशिश की.

देखें रिपोर्ट

श्रवण कुमार का कहना है कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अब कोई भी टेंडर प्रक्रिया से ही किसी को मिल सकता है. कोई मंत्री किसी को टेंडर दिला नहीं सकता है. यदि टेंडर में किसी तरह की कोई गड़बड़ी की जाती है तो उसकी जांच होगी.

वहीं जेडीयू विधायक शालिनी मिश्रा का कहना है कि मुझे जानकारी नहीं है, लेकिन विधायकों को अपने परिजनों को टेंडर दिलाना सही नहीं है. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की ओर से कार्रवाई की मांग पर उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तो इसी तरह चिल्लाते रहते हैं.

उधर, एनडीए के एक अन्य सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने तारकिशोर प्रसाद का बचाव किया और कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि टेंडर प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी हुई है. साथ ही उन्होंने तेजस्वी को लालू-राबड़ी के समय की टेंडर प्रक्रिया की याद दिलाई.

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आपको बताएं कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गुरुवार को 'नल जल' मामले में हुए टेंडर को लेकर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद पर अपने रिश्तेदार को टेंडर देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि टेंडर के माध्यम से तारकिशोर प्रसाद ने अपने रिश्तेदारों को आर्थिक लाभ पहुंचाया है.

दरअसल एक अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 'हर घर नल का जल' योजना से जरूरतमंदों के साथ-साथ नेताओं के रिश्तेदारों को भी फायदा हुआ है. इसके जरिए उपमुख्यमंत्री तारकिशोर के परिवार और उनके सहयोगियों को 53 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया है. अखबार ने पड़ताल में पाया कि पीएचईडी (PHED) ने 2019-20 में कटिहार जिले की 9 पंचायतों के अलग-अलग वार्ड में 36 प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी. कटिहार जिले से ही उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद चार बार विधायक रहे हैं. 'हर घर नल का जल' प्रोजेक्ट के तहत जिन कंपनियों को ठेका दिया गया, उनमें से एक उनकी बहू पूजा कुमारी, दो साले प्रदीप कुमार भगत से जुड़ी हुई हैं. इतना ही नहीं ठेका लेनेवाली कंपनियों में कुछ उनके करीबी प्रशांत चंद्र जायसवाल, ललित किशोर प्रसाद और संतोष कुमार से जुड़ी हुई है.

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