नई दिल्ली/पटना: जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू (JDU MP Sunil Kumar Pintu) ने कहा, 'केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि जातीय जनगणना (Caste Census) नहीं कराएंगे. केंद्र के इस फैसले से हम लोग खुश नहीं हैं. हम लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो. बिना इसके दबे, कुचले, पिछड़े और अति पिछड़ों को न्याय नहीं मिल पाएगा. इस मुद्दे पर हम लोग समझौता नहीं कर सकते हैं.'
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सुनील कुमार पिंटू ने कहा, 'बिहार से दो बार सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया कि जातीय जनगणना होनी चाहिए. बीजेपी ने भी इसका समर्थन किया था. सीएम नीतीश बिहार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर पीएम से मिलने आए थे. इस डेलिगेशन में बीजेपी कोटे के मंत्री भी शामिल थे. अब इन सबके बाद केंद्र सरकार का कहना कि जातीय जनगणना नहीं करा सकते बहुत ही आश्चर्यजनक है. हम लोग सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार करेंगे.'
जदयू सांसद ने कहा, 'केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं कराएगी तो बिहार में नीतीश कुमार कराएंगे. कर्नाटक के तर्ज पर बिहार सरकार खुद जातीय जनगणना कराएगी. बीजेपी से जदयू का गठबंधन है. बिहार में सरकार भी चल रही, लेकिन सत्ता सुख भोगने के लिए नीतीश कुमार और जदयू को सरकार नहीं चाहिए. नीतीश के लिये सत्ता का मतलब जनता की सेवा और जनता का हित है.'
"नीतीश ने कभी अपने परिवार के सदस्यों को टिकट नहीं दिया. उनका एक पुत्र है, जो राजनीति में नहीं है. वह अपने परिवार के लोगों को ठेका भी नहीं दिलवाते हैं. उनको सिर्फ जनता की सेवा से मतलब है. हम लोगों की नजर में सत्ता का मतलब यही है. ऐसा नहीं है कि इस मुद्दे पर हमलोग बीजेपी से गठबंधन तोड़ देंगे, लेकिन जातीय जनगणना हमलोग हर हाल में करवा कर रहेंगे."- सुनील कुमार पिंटू, जदयू सांसद
बता दें कि देश में जातीय जनगणना की मांग उठ रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को साथ लेकर पीएम मोदी से इस मुद्दे पर मुलाकात की थी और जातीय जनगणना कराने की मांग की थी. केंद्र सरकार ने इस मामले पर अपना रुख साफ कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि जनगणना में ओबीसी जातियों की गिनती एक लंबा और कठिन काम है. ऐसे में 2021 की जनगणना में इसे शामिल नहीं किया जा सकता. केंद्र सरकार के इस रुख से कई दलों को झटका लगा है. इसके बाद से जदयू और बीजेपी के बीच तकरार है.
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