नई दिल्ली: पेगासस जासूसी विवाद (Pegasus spy Case), जातीय जनगणना (Cast Census) और जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) के मुद्दों पर बीजेपी और जेडीयू के बीच इन दिनों मतभेद साफ तौर पर दिख रहा है, जबकि उसे आरजेडी का साथ मिला है. ऐसे में बिहार में किसी नए सियासी समीकरण को लेकर अटकलें भी तेज होने लगी है. हालांकि जेडीयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ( Chandeshwar Prasad Chandravanshi) ने ऐसी किसी भी संभावना से इंकार किया है.
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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जहानाबाद से जेडीयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने कहा कि बीजेपी से अगर कोई समस्या होगी तो बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा, लेकिन आरजेडी के साथ जाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी से गठबंधन तोड़ने की कोई संभावना नहीं है.
चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने कहा कि आरजेडी के 15 साल के शासन काल में बिहार में जंगलराज था. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के मुख्यमंत्री बनने के बाद से बिहार में विकास हुआ. प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है, इसलिए आरजेडी और जेडीयू अब कभी साथ नहीं आ सकते. उन्होंने कहा कि बीजेपी हम लोगों की मजबूत साथी है. बिहार से लेकर केंद्र तक में बीजेपी के साथ पार्टी मजबूती से है.
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आपको बताएं कि पेगासस जासूसी विवाद और जातीय जनगणना पर आरजेडी और जेडीयू का स्टैंड एक है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर पीएम मोदी से जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुलाकात करना चाहते हैं. इस दौरान तेजस्वी यादव भी नीतीश कुमार के साथ रहेंगे. वहीं, जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर भी जेडीयू और आरजेडी का स्टैंड एक है. पार्टी का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर किसी भी व्यक्ति के साथ जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए.
यहां यह भी याद रखना होगा कि बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी ने जेडीयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार उतारा था, जिसके चलते पार्टी करीब 30 सीटें हार गई थी और महज 43 सीटों पर ही जीत मिली. जेडीयू को लगता है कि बीजेपी के कहने पर ही एलजेपी ने जेडीयू के खिलाफ अपना उम्मीदवार दिया था.
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अभी हाल में ही केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था. जेडीयू 2 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री का पद मांग रही थी, लेकिन बीजेपी ने सिर्फ एक ही कैबिनेट मंत्री का पद दिया. इससे भी जेडीयू में नाराजगी है. यूपी विधानसभा चुनाव में जेडीयू 200 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, जिससे बीजेपी नाराज है. इसके अलावे धारा 370, आर्टिकल 35ए, ट्रिपल तलाक बिल पर भी बीजेपी से अलग स्टैंड जेडीयू का था.
आए दिन बिहार सरकार में बीजेपी कोटे के कई मंत्री नीतीश सरकार के कामकाज और कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं. देखकर तो यही लग रहा है कि जेडीयू और बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं है और तकरार चरम पर है. दूसरी तरफ आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव चारा घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद से बाहर आ गए हैं. वे सक्रिय राजनीति में लौटते दिख रहे हैं. लगातार गैर बीजेपी दलों को एकजुट कर रहे हैं. ऐसे में अब बड़ा सवाल ये है कि क्या फिर से नीतीश साल 2015 की तरह लालू से हाथ मिलाएंगे? हालांकि चंदेश्वर चंद्रवंशी ने इस तरह की अटकलों को खारिज कर दिया है, लेकिन राजनीति संभावनाओं का खेल है. कब कौन सा दल किस दल के साथ हाथ मिला ले, यह कह पाना मुश्किल है.