पटनाः बिहार में शराबबंदी कानून पर सियासत (Prohibition On Liquor In Bihar) और तेज होती जा रही है. शराबबंदी की असफलताओं (Alcohol Ban Failure in Bihar) को लेकर विपक्ष तो सरकार पर निशाना साध ही रहा है, अब तो सत्तापक्ष के नेताओं ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. इन सब के बीच जेडीयू के एमएलसी ने सवाल उठाने वाले लोगों को नसीहत दी है.
इसे भी पढ़ें- वोट के लालच में मुखिया प्रत्याशी ने किया जलसा, चिकेन-पुलाव पर टूट पड़े ग्रामीण, तभी आ गए DM-SP
जेडीयू के एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि 'जिन लोगों ने शराबबंदी कानून को लेकर शपथ ली थी, वही आज बयानबाजी कर रहे हैं. जब इस बिल को पास कराया जा रहा था तो सत्तापक्ष और विपक्ष के लोगों ने इसका समर्थन किया था. उन लोगों ने शराबबंदी को लेकर शपथ भी ली थी और मानव श्रृंखला का भी हिस्सा बने थे. क्या शपथ का मतलब यही होता है?'
शराबबंदी कानून पर सवाल उठाने वाले लोगों पर उन्होंने कहा कि क्या शपथ का मतलब यही होता है? शपथ लेते समय यह नहीं न कहे थे कि हम केवल पांच साल के लिए शपथ ले रहे हैं. अगर इस कानून को मुख्यमंत्री ने लागू कर दिया है तो यह लागू ही रहेगा. कहीं कोई गुंजाइश नहीं होगी. जो लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं, उनपर कार्रवाई की जा रही है.
बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल के द्वारा शराबबंदी पर दिए बयान पर उन्होंने कहा कि शपथ लेने वाले लोगों का यह बयान देना कितना उचित है, वही बताएंगे. वहीं कार्रवाई के सवाल को उन्होंने शीर्ष नेताओं के जिम्मे छोड़ दिया. कहा कि उन लोगों के पास कोई तो रास्ता होगा ही.
बता दें कि हाल ही में हरिभूषण ठाकुर बचौल ने शराबबंदी कानून पर सवाल उठाते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की थी. उन्होंने केन्द्र की मोदी सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों की वापसी से इसकी तुलना की थी. बचौल ने कहा था कि जब किसानों के हितैषी कृषि कानूनों को वापस लिया जा सकता है तो बिहार में शराबबंदी कानून को भी वापस किया जाना चाहिए.
ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP