पटनाः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के बिहार दौरे को लेकर बिहार में सियासत शुरू है. बीजेपी मोहन यादव के दौरे से यादव वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करने में लगी है, तो वहीं जदयू के मंत्रियों ने कहा कि मोहन यादव का बिहार में तो स्वागत है, लेकिन जिस मंशा से वो आ रहे हैं. उसमें वह सफल नहीं होंगे.
बीजेपी की यादव वोट बैंक पर नजर: समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के बिहार आने से यादव वोट बैंक पर दूर-दूर तक कोई असर पड़ने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार में यादव बहुत जागरूक समाज है और राजनीतिक सामाजिक लंबी लड़ाई लड़ी है. उनको आज आकर कोई कह देगा और वह सुन लेंगे यह संभव नहीं है.
"बीजेपी की यह भूल है कि वह यह काम करने में लगी है, जहां तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव के पहली बार बिहार आने की बात है तो हम लोग उसका स्वागत करते हैं, लेकिन जिस उद्देश्य से आ रहे हैं उसकी दूर-दूर तक पूर्ति होने की संभावना नहीं दिख रही है"- मदन सहनी, मंत्री, समाज कल्याण
'बिहार में सभी लोग यूनाइट हैं': वहीं परिवहन मंत्री शीला मंडल ने कहा कि बिहार गांधी और विनोबा भावे की कर्मभूमि रही है. बिहार ऐतिहासिक भूमि है बुद्ध और महावीर की यह धरती है. कोई भी घूमने आएगा उसका स्वागत करेंगे, लेकिन जिस मकसद से बीजेपी के लोग सोच रहे हैं लाभ लेने का वह उन्हें लाभ मिलने वाला नहीं है. बिहार में सभी लोग यूनाइट हैं.
लालू के वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी': दरअसल बीजेपी ने बिहार में मोहन यादव के जरिए लालू यादव के वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी की है. एमपी में मोहन यादव को सीएम बनाने के पीछे भी बीजेपी की यही वजह रही होगी, ताकि एक साथ दो निशाना साधा जाए. लोकसभा चुनाव से पहले यादवों को अपने पक्ष में करने की बीजेपी ये रणनीति कितनी कारगर होगी, ये तो समय ही बताएगा. फिलहाल बिहार में एमपी के सीएम के आगमन को लेकर राजनीति गर्म है.
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